गोरखपुर: एडीजी जोन अखिल कुमार ने जोन आईजी डीआईजी फॉर एसएसपी को निर्देशित किया है कि मुख्यमंत्री द्वारा जनशिकायतों के गुणात्मक निस्तारण हेतु काफी बल दिया जाए.
इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि थाना प्रभारी व क्षेत्राधिकारी के स्तर पर गुणात्मक कार्यवाही करके जन शिकायतों पर लगातार कमी लाने की आवश्यकता है.
15 मई, 2022 को मुख्यमन्त्री के जनता दर्शन में जनपद गोरखपुर में पुलिस विभाग से सम्बन्धित कुल 50 शिकायती प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए जिसमें विवेचना में
कार्यवाही न होने के सम्बन्ध में कुल 19 प्रार्थना पत्र, अभियोग पंजीकृत न किये जाने के सम्बन्ध में कुल 09 प्रार्थना पत्र, जमीन सम्बन्धी प्रकरणों में कार्यवाही हेतु कुल 10 प्रार्थना पत्र व अन्य विभिन्न मामलों से सम्बन्धित कुल 12 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए.
मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में प्राप्त शिकायतों के गुणवत्तापरक निस्तारण हेतु अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन, गोरखपुर द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,
गोरखपुर को कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया जिसके अनुरूप अनुपालन जोन के समस्त जनपद द्वारा भी सुनिश्चित किया जायेगा.
जनता दर्शन के अवसर पर प्राप्त शिकायतों को निस्तारण हेतु 24 घण्टे के अन्तर्गत प्रत्येक दशा में क्षेत्राधिकारी कार्यालय को प्राप्त करा दिये जायें.
प्रार्थना पत्र प्राप्त होते ही क्षेत्राधिकारी, संबंधित बी०पी०ओ० को व्हाट्सएप के जरिए प्रार्थना पत्र की कापी भेजेंगे. सम्बन्धित बी०पी०ओ द्वारा अगले 24 घण्टे में
आवेदक के घर पहुंचकर गम्भीरता से शिकायत को समझते हुए अपनी रिपोर्ट क्षेत्राधिकारी को दी जायेगी और उसकी एक प्रति हल्का उपनिरीक्षक व थाना प्रभारी को भी देंगे.
जिन मामलों में विवेचनात्मक कार्यवाही न करने की शिकायत है, उन मामलों में विवेचक अगले 24
घण्टे में वादी मुकदमा के घर पर जायेंगे
तथा उनके शिकायत का अध्ययन करके विवेचना में अब तक हुई कार्यवाही से वादी मुकदमा को अवगत करायेंगे तथा वादी को पूर्ण विश्वास में लेते हुए
उसे उसके प्रकरण में यथाशीघ्र समुचित कार्यवाही का आश्वासन देते हुए पुलिस की अब तक की कार्यवाही से संतुष्ट करेंगे.
जिस प्रकरण में वादी की मांग अनुचित होगी, विवेचक तद्सार क्षेत्राधिकारी को तत्काल इससे अवगत कराते हुए आख्या प्रेषित करेंगे.
ऐसे प्रकरणों में विवेचक तीसरे दिन वादी मुकदमा के साथ क्षेत्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होंगे एव पूर्ण विवेचनात्मक कार्यवाही से अवगत करायेंगे.
भूमि संबंधी समस्त मामलों की समीक्षा करके क्षेत्राधिकारी द्वारा थाना प्रभारियों को थाना दिवस पर दर्ज करके निस्तारण हेतु निर्देश दिया जायेगा या ऐसे मामले,
जिसमें तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता है, सम्बन्धित उपजिलाधिकारी से वार्ता करके अगले 24 घण्टे में ही बी0पी0ओ0/ लेखपाल को मौके पर भेजकर निस्तारण करायेंगे.
अन्य श्रेणी के मामले जिनमें एफ0आई0आर0 की आवश्यकता है, तत्काल एफ0आई0आर) दर्ज करके अग्रिम कार्यवाही की जाये एवं जो मामले अपराधिक कृत्य के अन्तर्गत नहीं आते हैं,
उन मामलों में यथा सम्भव दोनों पक्षों को बुलाकर बातचीत से निस्तारण करने का प्रयास करेंगे या प्रकरण किसी अन्य विभाग से सम्बन्धित हो, तो आवेदक को समझाकर सम्बन्धित विभाग से निस्तारण कराया जायेगा.
सभी मामलों में 72 घण्टे के अन्दर प्राथमिक रिपोर्ट प्रत्येक दशा में आ जानी चाहिए जिसकी समीक्षा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वयं करेंगे और अपनी टिप्पणी सहित
परिक्षेत्रीय कार्यालय एवं जोन कार्यालय को उपलब्ध करायेंगे. इन सभी मामलों में परिक्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सभी का फीड बैक लिया जायेगा
और जिन मामलों में आवेदक संतुष्ट नहीं हुआ है, उनकी रिपोर्ट जोन कार्यालय में भेजेंगे. जो आवेदक संतुष्ट नहीं होंगे, उनकी समीक्षा जोन स्तर से की जाएगी.