(मनव्वर रिज़वी की कलम से)
- बिना पार्किंग वाले मैरेज हाल के सामने जाम में अक्सर फंसते है आम लोग और एम्बुलेंस
गोरखपुर: एक समय था जब शहर में मैरिज हॉल या बारात घर की तादाद सीमित थी. जैसे-जैसे शहर की आबादी बढ़ी वैसे-वैसे बढ़ती आबादी के साथ मैरेज हाउसों की संख्या में भी बेतहाशा वृद्धि हुई.
आज स्थिति यह है कि लगभग हर बड़ी आबादी में दो से तीन मैरेज हॉल मौजूद हैं तो कहीं-कहीं इनकी तादाद आधा दर्जन के लगभग है.
एक छोटे उत्सव से लेकर शादी अथवा अन्य आयोजन के लिए न्यूनतम 25 हज़ार से लेकर लाखों रुपया से ज़्यादा किराया वसूलने वाले अधिकांश मैरेज हाल सरकार द्वारा निर्धारित मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
शहर के लगभग सभी मैरेज हॉल से लगन के दिनों में कई कुंतल कूड़ा रोज़ निकलता है जिसका निस्तारण नगर निगम द्वारा किया जाता है, जिससे नगर निगम पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ता है.
इसके अलावा इन मैरेज हालों के पास से गुज़रने वाले नाले प्लास्टिक गिलासों, पत्तलों और अन्य पालीथिन से बनी चीजों से पटे नज़र आते हैं.
सबसे खराब स्थिति कोतवाली, राजघाट और तिवारीपुर थाना इलाके में स्थित मैरेज हॉलों की है. इन इलाकों में स्थित ज़्यादातर मैरेज हॉलों के पास पार्किंग भी नही है, जिससे लगन के दिनों में इनके सामने से गुजरना किसी चैलेंज से कम नही होता.
कोतवाली थाना क्षेत्र में अम्बिका मैरेज हॉल, निकाह घर, गीता अतिथि भवन जैसे शादी हॉल है तो वहीं तिवारीपुर थाना क्षेत्र में महफ़िल, लकी, ताज, हरियाली,
शहनाई, खुशबू दुल्हन, जनता मैरेज हाल समेत कई अन्य मैरेज हॉल शामिल है जिनमे न तो पार्किंग है और न ही ये मैरेज हॉल सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को ही पूरा करते हैं.
तिवारीपुर थाना क्षेत्र का आइडियल मैरेज हॉल, कोतवाली का स्वयंबर मैरेज हाल जैसे तमाम शादी हाल हैं जिन पर तमाम शिकायतों के बाद भी प्रशासन का चाबुक नही चल पाता ।
बड़ी बात ये है कि पल भर में ठेले और पटरी व्यवसाइयों को उजाड़ देने का हुनर रखने वाले नगर निगम के अधिकारी और स्थानीय थाना यहां बेबस नज़र आता है क्योंकि ज़्यादातर मैरेज हाल के मालिकों की पहुंच ऊपर तक है.
सबसे बड़ी बात यह है कि इन बिना पार्किंग वाले मैरेज हॉलों के सामने लगे जाम का शिकार अक्सर मरीजों को ले जाने वाली एम्बुलेंस होती है
जिनमें मौजूद मरीज़ के लिये एक-एक पल कीमती होता है लेकिन इसका कोई असर इन मैरेज हाल के मालिकों पर नही पड़ता.
इस सम्बंध में अखिल भारतीय अधिवक्ता महासभा के मुख्य संरक्षक जमशेद ज़िद्दी ने मंडलायुक्त को पत्र देकर जल्द ही ऐसे मैरिज हाउसों पर कार्रवाई करने की मांग किया है.
देखना दिलचस्प होगा कि गोरखपुर का ज़िला प्रशासन और जीडीए बिना पार्किंग के अवैध रूप से संचालित इन मैरिज हाउसों के खिलाफ क्या कदम उठता है.?