प्राप्त जानकारी के मुताबिक लंबी बीमारी से ग्रसित पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के निधन की सूचना मिली है.
ऐसा बताया जा रहा है कि वह दिल की बीमारी सहित कई अन्य रोगों से ग्रसित थे जिसके कारण पिछले 3 हफ्तों से वह वेंटिलेटर पर थे.
अंततः बीमारी से रिकवर नहीं कर पाने के कारण उनकी मौत हो गई है. आपको यहां याद दिलाते चलेंगे परवेज मुशर्रफ का पाकिस्तान में विवादों से गहरा नाता रहा है.
यहां तक कि कई स्कैम में फंसने के बाद उन्हें पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने मौत की सजा सुनाई थी.
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हालत नाजुक, डॉक्टरों ने दिया ये अपडेट https://t.co/hNF2AInP3m
— Asha Khabar (@ashakhabar) June 10, 2022
3 नवंबर, 2007 को देश में इमरजेंसी लगाने और फिर दिसंबर 2007 के मध्य तक संविधान को निलंबित करने के जुर्म में परवेज मुशर्रफ दिसंबर 2013 में
देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया गया था. जांच के पश्चात मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया.
जनरल के तौर पर परवेज मुशर्रफ 1999 से 2008 तक पाकिस्तान में शासन करते रहे. जब उन पर देशद्रोह तथा फांसी की सजा सुना दी गई तो वह मार्च 2016 से ही दुबई में रह रहे थे.
मुशर्रफ के कार्यकाल से जुड़ी कुछ बातें:
जब मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे तो उसी समय 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल की लड़ाई हुई थी जिसके लिए मुशर्रफ को ही जिम्मेदार बताया गया.
परवेज मुशर्रफ को ऐसा लग रहा था कि कारगिल में घुसपैठ करके पाकिस्तान को भारत पर रणनीतिक बढ़त मिल जाएगी किंतु ऐसा हो नहीं पाया.
इस युद्ध में सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों सहित निर्दोष लोगों ने अपनी जान गवा बैठे, हालांकि भारत को भी इसका काफी खामियाजा भुगतना पड़ा.
1999 में सत्ता का तख्ता पलट करके वह पाकिस्तान के 10 वें राष्ट्रपति बने थे. महाभियोग की प्रक्रिया से बचने के लिए उन्होंने वर्ष 2008 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन की सरकार ने 2007 में परवेज मुशर्रफ के खिलाफ गैर संवैधानिक इमरजेंसी लगाने के लिए राजद्रोह का केस दर्ज कराया था. इसी आधार पर पाकिस्तान की अदालत ने मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी.