तरयासुजान: कांस्टेबल धर्मवीर यादव पशु तस्करी को रोकने के प्रयास में हुए शहीद

2005 बैच से पुलिस सेवा दे रहे कांस्टेबल धर्मवीर यादव पुत्र स्व राम मनोज यादव निवासी संतकबीर नगर की जीवन लीला जनपद से पशु तस्करी को रोकने के प्रयास में समाप्त हो गयी.

पिछले मार्च में करीब एक वर्ष पूर्व तरयासुजान थाने में सेवा देने आये कांस्टेबल धर्मवीर को क्या पता था कि यह उनकी अंतिम पोस्टिंग साबित होगी.

परिवारिक सुख-दुख से जूझता सिपाही 17 वर्षों से पुलिस मापदंड पर अपना शत-प्रतिशत देता रहा. इस घटना के बाद पुरे थाना परिसर व उनको जानने वालों मे शोक की लहर है.

गौरतलब हो कि कांस्टेबल धर्मवीर को विवादों में समझौता कराने में महारत हासिल थी. जिस वजह से अक्सर इन्हें थाने पर लगे प्रथम डेस्क पर ही ड्युटी रहती थी.

संजिंदगी से चेहरे पर मद्धम मुस्कान लिए कार्यरत सिपाही अक्सर थाने में पहुंच रहे मामलों को गंभीरता से लिया करते थे.

यही खुबियां रही कि पूर्व थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह हो या कपिलदेव चौधरी दोनों के बिल्कुल करीब रहे हालांकि दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई और निष्पक्ष सेवा की वजह से कुछ लोगों की आंख के किरकिरी भी रहे.

कब घटी घटना?:

बीती रात पशु तस्करी में रोक लगाने के विशेष अभियान ने धर्मवीर पुलिस टीम के सदस्य थे. सूचना के आधार पर टीम जोकवां बाजार के पास एनएच 28 पर वर्क पर थी.

पर हौसले से लवरेज तस्करों ने पुलिस घेरा तोड़ने के प्रयास में पिकप से ठोकर मार दी. जानकारी के अनुसार कांस्टेबल धर्मवीर अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस घेराबंदी से थोड़ी दूर चिन्हित गाड़ी को रोकने का प्रयास कर रहे थे.

इसी दौरान पिकप के चालक ने अनियंत्रित तरीके से स्पीड बढ़ा दिया जिस वजह से डिवाइडर पर खड़े धर्मवीर अपना संतुलन खो बैठे और पिकप के जद में आ गये जिससे उनकी मौत हो गई.

आज शहीद सिपाही का पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन में मरणोपरांत सम्मान दिया जायेगा. इस संदर्भ में थानाध्यक्ष तरयासुजान कपिलदेव चौधरी ने बताया

“कांस्टेबल शत-प्रतिशत देने वाला वीर सिपाही था घटना दुखद और अविस्मरणीय है. सम्पूर्ण पुलिस परिवार मृतक सिपाही के परिवार के साथ है.”

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