‘योगा फॉर ह्यूमैनिटी’ की थीम के साथ मनाया जा रहा है इस बार का ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’

(सईद आलम खान की कलम से)

इस बार का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ कुछ खास बन कर आया है. कारण यह है कि जिस योगा दिवस की शुरुआत वर्ष 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी के

प्रयासों की वजह से हुई थी वह दिनों-दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक विशेष पहचान स्थापित करते हुए भारत को नए रूप में प्रस्तुत कर रहा है.

योग का विचार भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा दुनिया के देशों के समक्ष रखा गया था जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी वर्ष 2013 में अपनी स्वीकृति दे दी थी.

इस बार योग दिवस की थीम है योगा फॉर ह्यूमैनिटी. इसका मुख्य कारण यह है कि बीते 2 वर्षों से कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया में लोगों ने

शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्तर पर परेशानियां झेली थीं. ऐसे में योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना कर स्वास्थ्य में सुधार करना ही इस थीम का उद्देश्य है.

इस वर्ष के योग दिवस को खास बनाने के लिए उत्तराखंड में 14,500 फीट की ऊंचाई पर योग किया जाएगा जबकि पीएम मोदी 15,000 लोगों के साथ मैसूर के पैलेस ग्राउंड में योग करेंगे.

इस मौके पर आईटीबीपी ने एक गीत भी सामने लाया है जो मनोहारी है. आप इन तस्वीरों के माध्यम से देख सकते हैं कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे हमारे देश के जवान योग करते हुए नजर आ रहे हैं.

इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भाजपा ने देश भर में भव्य तरीके से मनाने की तैयारी कर लिया है. पार्टी का कहना है कि देश के 75,000 स्थानों पर इंटरनेशनल योगा डे मनाया जाएगा.

भारत के द्वारा योग को दुनिया के देशों के सामने लाने के लिए जो प्रयास किया था उसे 175 देशों ने मात्र 90 दिनों में अपनी स्वीकृति दे दिया था.

योगा से जुड़े कुछ विशेष तथ्य:

  1. भारत समेत पूरी दुनिया का आज आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है.
  2. योगा फॉर ह्यूमैनिटी थीम के लिए विश्व से 25 करोड़ से अधिक लोग इस मुहिम का हिस्सा होंगे

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