विगत लम्बे दिनों से आर्थिक संकट से जूझ रहे भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में अंततः लोगों का गुस्सा इस कदर फूटा कि
उन्होंने राष्ट्रपति भवन तक को नहीं छोड़ा और आज लोग उस पर कब्जा करके एक तरह के उत्सव में डूबे हुए हैं.
ऐसी सूचना है कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे तथा प्रधानमंत्री रानिलविक्रम सिंघे के आवासों पर भी अपना कब्जा जमा लिया है.
What’s Happening in Sri Lanka? What to Know About the Protests and Economic Crisis – The Wall Street Journal https://t.co/fHzkxKlLeU
— Vagabond X (@GatzTdaMax) July 10, 2022
आज श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. यहां विदेशी मुद्रा भंडार की कमी है जिसके कारण देश में
ईंधन और अन्य बुनियादी वस्तुओं का आयात नहीं हो पा रहा है. ऐसे में चीजों की अत्यधिक महंगी होने के कारण लोग किसी तरीके से अपनी जान बचा पा रहे हैं.
लोगों की भीड़ ने जब राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किया तो वहां के भीतर की शान शौकत, ऐशोआराम की जिंदगी को देखकर कह रहे हैं कि
जो व्यक्ति इतनी सुख, सुविधाओं से लैस है उसे आम जनता जो आज रोटी, कपड़े, पेट्रोलियम गुड्स, दवाइयों आदि के लिए जूझ रही है, उसे कहां दिखेगा?
इसी का असर है कि लोग राष्ट्रपति के स्विमिंग पूल में नहाने के साथ उनके बेडरूम गार्डन, पार्किंग आदि ऐसी सभी जगहों पर
जाकर उछल कूद करते हुए सेल्फी ले रहे हैं और भीतर से अपनी भावनाओं को उड़ेलते हुए कह रहे हैं कि-
“उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था राष्ट्रपति भवन के इस शान शौकत का वह भी कभी हिस्सा बन पाएंगे.”
आर्थिक संकट से जूझते लोगों का गुस्सा अब सातवें आसमान पर पहुंच चुका है क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री रानिल विक्रम सिंघे के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया है.
संपूर्ण घटनाक्रम को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि श्रीलंका के हालात पर उसकी नजर है तथा ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि राजनीतिक गतिरोध को जितना जल्दी हो सके समाप्त करके आर्थिक सुधार की गतिविधि को तेज किया जाएगा.
वहीं श्रीलंकाई सेना के प्रमुख जनरल शैलेंद्र सिलवा ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों का समर्थन मांगा है.