गोरखा रेजिमेंट के जवानों को राखी बांधकर ‘नियो एम्बियन्स’ के छात्रों ने लिया स्नेह सूत्र का संकल्प

  • हस्तनिर्मित रक्षाबंधन प्रदर्शनी से नियो एम्बियन्स के छात्रों ने दिया राष्ट्र सृजन का संकल्प-डॉ0 मिथिलेश

गोरखपुर: नियो एम्बियन्स स्कूल बुद्ध बिहार पार्ट सी, गोखपुर के छात्रों ने गोरखा रेजिमेंट के सैनिकों को राखियां बांध कर ‘स्नेह सूत्र संकल्प’ का आशीर्वाद लिया.

जी.आर.डी गोरखपुर में रक्षाबंधन (राखियों) के लिये आयोजित कार्यक्रम में वार मेमोरियल पर पुष्प अर्पित कर देश के वीर योद्धाओं को नमन करके

अधिकारियों और सैनिकों को टिका रोली चंदन लगा कर विद्यार्थियों ने सभी को हस्तनिर्मित राखियां बांधकर आशीर्वाद लिया.

AGAZBHARAT

देश को समर्पित हस्त निर्मित रक्षाबंधन (राखियों) प्रदर्शनी राष्ट्र के प्रति स्नेह डोर को अटूट बनाने के लिये सार्थक रही.

उससे पूर्व विद्यालय प्रांगण में रक्षाबंधन प्रदर्शनी की मुख्यअतिथि अंतराष्ट्रीय लोक गायिका डॉ मिथिलेश तिवारी एवं विशिष्ट अतिथि संस्कृति संरक्षक

विश्वमोहन तिवारी ने बच्चों के हाथ से बनी राखियों का अवलोकन कर प्रोत्साहित किया. राखियों को देख कर अभिभूत हुई

डॉ मिथिलेश तिवारी ने कहा कि बच्चों के हाथ से बनी इन राखियों को देख कर विश्वास करना मुश्किल है. इतनी बारीकी से नन्हें हाथों से राखियों को सृजन किया गया है.”

बच्चों के साथ प्रदर्शनी देख कर उन्होंने देशभक्ति गीतों से बच्चों को नव सृजन संकल्प के लिये उत्साहित किया.

डॉ मिथिलेश ने कहा कि बच्चों में रचनात्मक सृजन अद्धभुत है. उनके हाथों से बनी राखियां देश की सीमा पर तैनात सैनिकों के कलाइयों पर बांधने का पुनीत कार्य समाज के लिये प्रेरणादायक है.

राष्ट्र सेवा में समर्पित सैनिकों के लिये स्नेह का यह पवित्र डोर छात्र-छात्राओं में राष्ट्र प्रेम का प्रदर्शित करता है.

विशिष्ठ अतिथि विश्वमोहन तिवारी ने कहा कि हस्तनिर्मित राखियों की परंपरा आज के आधुनिक मशीनीकरण समाज में

इको फ्रेंडली वातावरण के निर्माण का भी संदेश देने की प्रेरणा देता है. अपने आस पास वेस्ट मैटीरियल को पुनः उपयोगी बनाने की कला नवसृजन में अहम भूमिका निभाते है.

कला के बिना मनुष्य पशु के समान हो जाता है जिनमें भाव, वेदना और सृजन की संवेदना होती है, वे ही सृष्टि को पोषित करते हैं.

प्रदर्शनी का संचालन कृतेश तिवारी जी ने किया जबकि संयोजक डॉ संदीप श्रीवास्तव थे जिन्होंने बताया कि हस्तनिर्मित राखियों को भारतीय सैनिकों को समर्पित किया जाएगा.

लगभग 2000 हस्त निर्मित राखियां मात्र एक सप्ताह में निर्मित हुई हैं. राखियों को सैनिकों को भेंट करने से पूर्व प्रर्दशनी के रूप में

संजोने का उद्देश्य छात्र-छात्राओं में राष्ट्र प्रेम स्नेह का भाव जागृत करना है. इस अवसर पर नियो अम्बियंस एकेडमी

के निदेशक जे.पी. नायक व विद्यालय के मैनेजमेंट हेड ओमबीर सिंह एवं अशोक सिंह ने छात्रों की इस रचनात्मक कला की सराहना किया.

इस दौरान उप प्रधानाचार्य रोशन, शिक्षक धीरज कुमार दुबे, संदीप आर्या, राकेश मिश्र, शुभम गुप्ता, शुभम श्रीवास्तव, अनामिका मैंम, वंदना सिंह सहित सभी शिक्षकों ने सहयोग किया.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!