मिली सूचना के मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा है कि जनता जानती है कि कौन दल भाजपा से मिले हुए हैं और कौन भाजपा से लड़ रहे हैं.
उन्होंने प्रसपा तथा बसपा का नाम लिए बिना ही अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाया कि कुछ दल सिर्फ वोट काटने के लिए चुनाव में अपनी भागीदारी कर रहे हैं.
अखिलेश आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर संबोधित कर रहे थे जिसमें मीडिया से बातचीत करने के दौरान उन्होंने हुंकार भरा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए जनता तैयार खड़ी है.
आज बिहार में समीकरण बदलना यह उसी रणनीति का हिस्सा है. दरअसल भाजपा अंग्रेजों की ‘डिवाइड एंड रूल’ की नीति अपनाते हुए
जनता को धर्म और जाति के नाम पर लड़ाती है, साथ ही विपक्षी दलों को भी आपस में उलझाए रखने का कार्य करते रहती है.
आखिर महाराष्ट्र में अच्छी खासी चलती हुई सरकार को लेकर भाजपा ने क्या किया.? भाजपा के इशारे पर ही मुस्लिमों और यादवों के नाम निर्वाचन सूची से धड़ल्ले से काटे गए हैं.
चुनाव आयोग को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सतर्कता के साथ पूरी पारदर्शिता के अनुसार करना चाहिए.
अभी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 समाप्त हुआ है जिसमें यह देखने को मिला कि बूथ पर काफी संख्या में लोगों के आने के बावजूद वे अपना वोट नहीं डाल पाए.
हम सभी जानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन के अगले दिन ही टूट गया, उसमें कई जगह गड्ढे पाए गए.
क्या जिस तरह ईडी और सीबीआई का डर दिखाकर भाजपा विपक्षी दलों के नेताओं को फंसा रही है, उसी तरह की कार्यवाही अपने लोगों के विरुद्ध कर पायेगी.?
क्या ऐसा संभव है कि वह ऐसे राजमार्गों का निर्माण करने वाले लोगों की भी जांच करा पाएगी?