केजीएमयू में 2,000 से अधिक कर्मचारियों के धरने से मरीजों का हुआ बुरा हाल

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित ‘किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी’ के कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में

ताला लगाकर मरीजों का इलाज बंद कर दिया जिसके कारण आस-पास सहित दूरदराज से आए मरीजों का बुरा हाल हो गया है.

दरअसल इस हड़ताल के पीछे कर्मचारियों का कहना है कि वह लंबे समय से वेतनमान की मांग कर रहे थे किंतु जब उन्हें कोई रास्ता नहीं दिखा तो उन्होंने यह कदम उठाया है.

भारी संख्या में 6 सितंबर की सुबह से ही मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शनकारी इकट्ठा होकर केजीएमयू प्रशासन के विरुद्ध लगातार नारेबाजी कर रहे हैं.

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि प्रबंधन समिति जानबूझकर इनके मामले को अटका रही है जिसके कारण उन्हें हजारों रुपए का नुकसान प्रत्येक महीने उठाना पड़ रहा है.

इस संबंध में केजीएमयू कर्मचारी परिषद के महामंत्री अनिल ने पत्रकारों को बताया कि कर्मचारियों की मांग पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.

अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैया के कारण हमने ओपीडी, एमएस ऑफिस के साथ ही सभी कार्यालयों में काम रोक दिया है.

इस प्रदर्शन में यूनिवर्सिटी के लगभग 2000 से अधिक नियमित, पैरामेडिकल, नर्सिंग, लिपिक सहित दूसरे संवर्ग के कर्मचारी शामिल हैं.

यदि ओपीडी बंद करके अपना विरोध करने के बावजूद कोई रास्ता नहीं निकला तो कुलपति, कुलसचिव, वित्त समेत दूसरे विभागों में भी कामकाज रोका जाएगा.

कर्मचारियों के इन मांगों को धारदार बनाने के लिए ढाई सौ से अधिक डॉक्टर्स भी अपना विरोध जता रहे हैं.

उनका कहना है कि केजीएमयू अधिनियम व परिनियमावली में सरकार द्वारा प्रावधान होने के बावजूद डॉक्टर्स या टीचर्स को समान वेतन एवं ग्रेच्युटी

जैसे सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण यहां टीचर्स भी 29 अगस्त से काला फीता बांधकर शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं.

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