गोरखपुर: सूरजतारा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी भोजपुरी शॉर्ट फिल्म “अलगी बिलगा” यूट्यूब चैनल सूरजतारा प्रोडक्शन पर रिलीज कर दी गई है.
इस फिल्म के लेखक बेचन सिंह, कैमरामैन व एडिटर कृष्ण मुरारी निषाद, सह निर्देशक देवा जायसवाल व निर्देशक प्रदीप जायसवाल हैं.
इस शॉर्ट फिल्म को गोरखपुर के भोजपुरी के जाने-माने भोजपुरी नौटंकी लेखक स्वर्गीय ओमप्रकाश बच्चा जी को समर्पित करके बनाया गया है.
यह फिल्म एक मध्यमवर्गीय परिवार की है जिसमें दो लड़के जगत, भोला आए दिन अपनी पत्नियों से परेशान हैं. इन दोनों की पत्नियों में आपस में पटता नहीं है.
हमेशा दांजी-हिस्सा लगा रहता है, अक्सर घरेलू कामों को लेकर आपस में खटपट होता रहता है. एक दिन इन्हीं दोनों पत्नियों के कहने पर घर में अलगी बिलगा का नौबत आ जाता है.
दरवाजे पर गांव के संभ्रांत व्यक्ति भी बैठे रहते हैं, उन्हीं के सामने एक-एक समान का अलगी बिलगा हो जाता है. बाद में जब मां और बाप की बारी आती है कि
यह कहां रहेंगे तो उन्हीं में से एक बहू बोलती है मां एक बेटे के साथ और पिता जी दूसरे बेटे के साथ रहेंगे. इन लोगों का भी बंटवारा हो जाता है.
इस पर पिताजी काफी नाराज होते हैं और वह अपने दोनों बहू-बेटों को घर से तुरंत निकल जाने के लिए कहते हैं और घर का फूटी कौड़ी भी देने से मना कर देते हैं.
वह साफ-साफ कहते हैं कि यह उम्र हम दोनों को साथ रहने का है और तुम लोग अपने-अपने स्वार्थ में अलग करके रखोगे. जाओ यहां से जो हमारा सेवा करेगा, हम उसी को देंगे तुम लोग घर छोड़ कर के चले जाओ.
इस पर जब दोनों बेटे अपनी पत्नियों पर नाराज होते हैं और बोलते हैं कि अब कहां जाएं? तो पत्नियां बड़े गर्व से मायके जाने की बात बोलती हैं कि वहीं रहा जाएगा.
लेकिन जब मायके वालों से फोन पर बात करते हैं तो वे लोग भी मना कर देते हैं, यह कहकर के कि आखिर यहां कितने दिन तक रहोगी.? एक महीना दो महीना या तीन महीना?
आखिर पूरा जीवन तो ससुराल में ही बीतेगा? इस पर सबकी आंखें खुलती हैं और मां-बाप के चरणों में गिरकर माफी मांगते हैं. फिर मां-बाप, बहू सहित बच्चों को स्वीकार करते हैं और घर में शांति से रहना शुरू कर देते हैं.
इस फिल्म में शिवाजी जायसवाल, दिलीप सिंह, रिंकी, चंदन, राजकिशोर शर्मा, गोविंद प्रजापति, अभिषेक कुमार, धीरज कुमार, अनंन्या, प्रिती, अर्चना, देव जायसवाल, चंद्रभान मल्ल ने अपने-अपने अभिनय से सबको प्रभावित किया है.