मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद में टीबी अस्पताल का नाम डेंगू अस्पताल रख कर खा गए 45 कर्मचारियों की नौकरी

  • टीवी अस्पताल का नाम डेंगू अस्पताल रख कर खा गए 45 कर्मचारियों की नौकरी–रूपेश
  • चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की बलि चढ़े 45 कर्मचारी–अश्वनी
  • 45 परिवारों का बुझ गया चूल्हा–मदनमुरारी

गोरखपुर: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण 45 संविदाकर्मियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. बता दें कि अधिकारियों ने 100 शैया टीवी अस्पताल का नाम बदलकर

डेंगू अस्पताल रख दिया और वहां के कर्मचारियों का नवीनीकरण रद्द कर वहां पर बाहरी नए कर्मचारियों को समायोजित कर दिया है जिससे 45 परिवारों का चूल्हा बुझ गया है.

‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताया है तथा परिषद निकाले गए 45 कर्मचारियों की लड़ाई जुलाई माह से ही लड़ रहा है.

परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि-“स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार के कारण 45 कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है.”

उन्होंने बताया कि 100 शैया टीवी अस्पताल के 45 संविदा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का 5 महीने से नवीनीकरण ना होने के कारण बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं तथा लगातार उपरोक्त कर्मचारी अपने सेवा बहाली हेतु धरना दे रहे हैं.

इसी बीच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उपरोक्त अस्पताल का नाम बदलकर डेंगू अस्पताल रख दिया और वहां पर बाहर से 40 नए कर्मचारियों को समायोजित कर लिया है

जिससे पूर्व में कार्य कर चुके कर्मचारियों के आशा पर पानी फिर गया है जबकि उपरोक्त कर्मचारी माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक,

सदर सांसद रविकिशन शुक्ल, कमिश्नर गोरखपुर, अपर कमिश्नर गोरखपुर, जिलाधिकारी गोरखपुर से अपने बहाली हेतु गुहार लगा चुके हैं.

उपरोक्त सभी लोगों ने उनके सेवा नवीनीकरण का आश्वासन भी दिया लेकिन उपरोक्त अस्पताल में बाहरी कर्मचारियों के आ जाने से इनके नवीनीकरण का रास्ता अवरुद्ध हो गया है.

मंत्री अश्वनी श्रीवास्तव ने कहा उपरोक्त सभी कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग की अधिकारियों के भ्रष्टाचार के बलि चढ़ गए हैं, यह न्याय संगत नहीं है.

परिषद उपाध्यक्ष मदन मुरारी शुक्ला ने कहा कि- “अधिकारियों के इस गलत निर्णय के कारण 45 परिवारों का चूल्हा बुझ गया है जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.”

हम अपने यशस्वी मुख्यमंत्री से पुनः आग्रह करते हैं कि इस पर वह स्वयं संज्ञान लेते हुए इन कर्मचारियों की सेवा बहाल करें.

स्वास्थ विभाग के अधिकारियों के इस निर्णय पर रोष जताने वालों में गोविंद जी, वरुण बैरागी, राजेश सिंह, कृष्ण मोहन गुप्ता,

बंटी श्रीवास्तव, अनूप कुमार, डा० एसके विश्वकर्मा, प्रभु दयाल सिन्हा शब्बीर अली इजहार अली आदि लोग शामिल रहे.

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