वाहनों को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में आयोजित वार्षिक कृषि प्रदर्शनी एग्रोविजन के उद्घाटन के मौके पर बताया कि
“15 वर्षों से अधिक पुराने केंद्र और राज्य सरकार के अधीन सभी गाड़ियां, बस, ट्रक, कार आदि जो अलग-अलग विभाग में चल रही हैं,
अगर वह 15 साल से पुरानी हैं तो उसे कबाड़ में भेजा जाएगा. इससे संबंधित आदेश सभी राज्यों को भी प्रेषित कर दिया गया है.”
बताते चलें कि नितिन गडकरी ने पानीपत में इंडियन आयल के दो संयंत्र के विषय में बताया कि यह लगभग शुरू हो चुके हैं तथा इनमें से एक प्रतिदिन 1लाख लीटर एथेनॉल का उत्पादन करेगा.
जबकि दूसरा संयंत्र चावल की भूसी का उपयोग करके प्रतिदिन 150 टन बायो बिटुमिन का निर्माण करेगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पराली जलाने की समस्या में घटोत्तरी हो जाएगी.
देश में प्रदूषण कम से कम हो इसके लिए अच्छी सड़कें बनाई जा रही हैं तथा वैसे वाहनों को ही परमिशन दिया जाएगा जो जीरो एमिशन पर कार्य करते हों.
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी पिछले वर्ष अगस्त माह में राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति प्रारंभ करते हुए कहा था कि अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को
चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाएगा तथा संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाले अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा.
इस योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के उद्देश्य से प्रत्येक जिले में वाहन कबाड़ केंद्र सरकार द्वारा खोला जाएगा. इसके साथ ही साथ पुराने वाहन स्वामियों को
कबाड़ में अपना वाहन देकर नई गाड़ी खरीदने के लिए कई तरह के प्रोत्साहन योजना की भी व्यवस्था की गई है.
एग्रो कृषि प्रदर्शनी के अंतर्गत खेती, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन के आधुनिक तकनीक को कैसे अपनाया जाए, कृषि उपकरण उन्नत हो
तथा उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग वैज्ञानिक ढंग से कैसे किया जाए? इन सभी की जानकारी इसमें दिया जाता है.