- अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए बंद हो माननीयों की पेंशन और फ्री में मिलने वाली सरकारी सुविधाएं–रूपेश
- माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में धरने पर बैठे कर्मचारियों को बहाल करें मुख्य अभियंता गंडक-शिवानंद
‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ के सभी पदाधिकारी परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव के अगुआई में आज मुख्य अभियंता गंडक कार्यालय पर
पहुंचकर सिंचाई विभाग में 18 दिन से चल रहे धरने को समर्थन दिया. इसकी अध्यक्षता शिवानंद श्रीवास्तव और संचालन विवेकानंद पांडे ने किया.
धरने को संबोधित करते हुए रुपेश कुमार श्रीवास्तव जी ने कहा कि 2 दिन पहले लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री का पुरानी पेंशन बहाली पर
सरकार के तरफ से जवाब आया है जिससे साफ हो चुका है कि यह सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने के पक्ष में नहीं है.
वित्त मंत्री ने आर्थिक मामलों का हवाला देकर पुरानी पेंशन बहाल न करने की बात कही है इस लिए हम माननीय प्रधानमंत्री जी से आग्रह करना चाहते हैं कि
“सभी माननीयों की पेंशन तत्काल प्रभाव से बंद हो और इनके अन्य खर्चे पर होने वाले करोड़ों रुपए के अपव्यय को भी रोका जाए तब देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी.”
हमारे प्रधानमंत्री जी ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा की बात करते हैं तो हमें बताएं कि यह कौन कानून है कि वह खुद तो पुरानी पेंशन खाएंगे लेकिन कर्मचारियों को खाने नहीं देंगे.
सिंचाई विभाग में 18 दिनों से कर्मचारी धरने पर बैठे हैं लेकिन यहां के मुख्य अभियंता के कान पर जू नहीं रेंग रहा है.
सरकार का यह रवैया कर्मचारियों के प्रति ठीक नहीं है. अगर सरकार ऐसे ही रही तो आने वाले चुनाव में कर्मचारी अपनी ताकत दिखा कर सरकार का तख्तापलट करने के लिए बाध्य होंगे.
अध्यक्षता कर रहे शिवानंद श्रीवास्तव ने कहा कि हम सरकार से बस इतना चाहते हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराए और कर्मचारियों को उनके सेवा पर शीघ्र वापस करे.
अगर यह सरकार और इसके अधिकारी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो न्यायपालिका को बंद कर दें और अपना तानाशाही रवैया अपनाएं.
उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र इन कर्मचारियों को सेवा पर वापस नहीं किया जाएगा तो आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए कर्मचारी समाज बाध्य होगा.
बैठक वरुण बैरागी, अरुण द्विवेदी, शब्बीर अली, अनूप कुमार, इजहार अली, राघवेंद्र कुमार फुलई पासवान, रामधनी पासवान,
कनिष्क गुप्ता विनीता सिंह यशवीर श्रीवास्तव, जितेंद्र कुमार, शशि भूषण, डा० एस के विश्वकर्मा, सहित तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे.