लगता है कि आज़मगढ़ का प्रशासन खिरिया बाग आंदोलन को तितर-बितर करने की तैयारी में है, उसके नेताओं की धरपकड़ करने के मूड में है.
खिरिया बाग आजमगढ़ में चल रहे धरने के 103वें दिन, 23 जनवरी 2023 को दोपहर में प्रशासन एकाएक जिलाधिकारी आजमगढ़ के साथ वार्ता के लिए आंदोलन कर रहे किसानों-मजदूरों से बातचीत की.
एकाएक वो भी बिना किसी प्रस्ताव के वार्ता के लिए धरनारत किसान-मजदूर तैयार नहीं थे. लगातार प्रशासन के बढ़ते दबाव के चलते कंधारपुर थाने में जिलाधिकारी आजमगढ़ के साथ वार्ता हुई.
वार्ता के बाद जिलाधिकारी आजमगढ़ खिरिया बाग धरना स्थल आए उन्होंने कहा कि ग्रामवासियों की भूमि/भवन अधिग्रहण उनकी सहमत के बैगर नहीं किया जाएगा.
जब सवाल पूछा गया कि क्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मास्टर प्लान रद्द किया जायेगा? इसपर कोई स्पष्ट और संतुष्ट करने वाला जवाब जिलाधिकारी ने नहीं दे पाए, न ही कुछ लिखित में.
जिलाधिकारी आजमगढ़ की ग्रामीणों की सहमत की बात से यह साफ होता है कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जो परियोजना है,
उसे अभी रद्द नहीं किया जा रहा है और जब तक यह परियोजना रदद् नहीं होती तब तक जमीन जाने का खतरा ग्रामीणों को लगा रहेगा.
दूसरा कि वार्ताकारों ने बताया कि लिखित आश्वासन मांगने पर कह रहे हैं कि जब लिखित रूप से यह कार्रवाई नहीं की गई तो लिखित रूप से कैसे दिया जा सकता है.?
जिलाधिकारी का यह कहना कानून के खिलाफ है:
बिना किसी लिखित कार्रवाई के जबरन सर्वे की कोशिश, झूठी सर्वे रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज देना, बिना नोटिस और सूचना के अधिकार के तहत
जब मामला बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना शासन में विचाराधीन है तो ऐसे में ग्रामीणों को मंदुरी स्थित हवाई पट्टी में बुलाकर
सहमत पत्र के नाम पर किसी कागज पर दस्तख़त करवाना और ग्रामीणों से फोन पर सहमत के लिए बात करना किसके निर्देश पर हो रहा है.?
इस पूरे मामले में सर्वे से लेकर सहमति तक सभी स्तरों पर प्रशासन ने भूमाधिग्रहण कानून के खिलाफ जाकर काम किया है.
जिलाधिकारी के खिरिया बाग से जाने के बाद ग्रामीणों ने धरना जारी रखा और आगे रखने की बात भी कही. देर शाम और रात गांव में राजस्व कर्मियों और बड़ी संख्या में
पुलिस की गस्त और किसान नेताओं के बारे मे पूछताछ करना संदेह पैदा करता है कि उनको पुलिस प्रशासन किसी झूठे मामले में फंसा सकती है.