रामचरितमानस पर टिप्पणी करने से उपजा विवाद अभी सुलझा भी नहीं था कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने संतो,
महंथों को निशाने पर लेते हुए कहा कि अगर किसी और धर्म का कोई व्यक्ति किसी के सिर काटने, जीभ काटने की बात करता है तो उसे आतंकवादी करार दिया जाता है तो क्या ये मेरा सिर काटने की बात कर रहे हैं, आतंकवादी नहीं हैं.?
यहां बताते चलें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ब्राह्मण समाज पर अभद्र टिप्पणी किया था. इसको लेकर प्रदेश में काफी विरोध देखने को मिला था.
हालांकि मौर्य ने बताया कि जाति विशेष के लोगों द्वारा ही उनका विरोध किया जा रहा है क्योंकि इन पंडों और पुजारियों को अपने धंधे पर खतरा दिखाई दे रहा है.
मौर्य जी रायबरेली कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे, जहां ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि इनके आह्वान पर दलित और पिछड़े एक हो गए
तो वे मंदिर जाना बंद कर देंगे जिससे चढ़ावा और बड़ी मात्रा में दान देने का क्रम बंद हो जाएगा. इसका सबसे अधिक खामियाजा ब्राह्मण वर्ग ही झेलेगा.
ऐसा अनुमान है कि इस तरीके के उटपटांग बयान वोटों के ध्रुवीकरण करने के लिए किया जा रहा है. फिलहाल यह आने वाला वक्त तय करेगा कि वास्तव में सच्चाई क्या है?