Part1: बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता और मेहनतकश जनता की लूट के ख़िलाफ़ एकजुट होंगे छात्र-कर्मचारी-नौजवान-मज़दूर

  • रोज़गार, शिक्षा, चिकित्सा, आवास और भाईचारे के लिये क्रान्तिकारियों की विरासत को करेंगे याद

इलाहाबाद: ‘भगतसिंह जनअधिकार यात्रा’ के संयोजक संगठनों की ओर से इलाहाबाद के प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता में 12 मार्च से 14 अप्रैल तक चलने वाली इस देशव्यापी यात्रा का परिचय दिया गया.

इस दौरान नौजवान भारत सभा, दिशा छात्र संगठन, बिगुल मज़दूर दस्ता व भारत की क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी (RWPI) की ओर से वक्ता शामिल रहे.

प्रेस वार्ता के दौरान ‘भगतसिंह जनअधिकार यात्रा’ का परिचय देते हुए एक पुस्तिका का विमोचन किया गया तथा यात्रा के पोस्टर जारी किये गये.

यात्रा 12 मार्च को इलाहाबाद से शुरू होकर चित्रकूट होते हुए 22 मार्च को गोरखपुर पहुँचेगी. जाफरा बाजार, बरगदवा, बिछिया, विश्वविद्यालय और शहर भर में 27 मार्च तक रहेगी.

इसके बाद यह यात्रा अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बनारस होते हुए लखनऊ में 14 अप्रैल को समाप्त होगी. नौजवान भारत सभा की केन्द्रीय परिषद के सदस्य प्रसेन ने कहा कि

आज देश की जनता बढ़ती बेरोज़गारी, कमरतोड़ महँगाई, लोगों की पहुँच से दूर होती शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से जूझ रही है. नौजवानों की एक बड़ी आबादी हताशा-निराशा का शिकार है.

छात्रों-कर्मचारियों-मज़दूरों समेत आम जनता का हर हिस्सा मौजूदा भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का शिकार है. हमसे रोज़गार के अवसर, पेंशन-भत्तों से लेकर विभिन्न सुविधाएँ और श्रम क़ानूनों के रूप में हर तरह की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा को छीना जा रहा है.

एक ओर महँगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्‍टाचार, ग़रीबी, भूख और शोषण ने आम मेहनतकश जनता की कमर तोड़ रखी है, वहीं उसे धर्म के उन्‍माद में बहाया जा रहा है ताकि उसे उसकी ज़ि‍न्‍दगी के असल मुद्दों से बहकाया जा सके.

जनता के बीच जनता के ही एक हिस्‍से को नकली दुश्‍मन बनाकर पेश किया जा रहा है ताकि हम असली दुश्‍मन की पहचान ही न कर सकें.

अंग्रेज़ों की ‘बाँटो और राज करो’ की नीति को मौजूदा सरकार पूरी निष्‍ठा से लागू कर रही है. आज़ादी के 75 सालों में जनता ने भाजपा से लेकर कांग्रेस, सपा, बसपा, राजद, जदयू, आप जैसे तमाम दलों को मौक़ा देकर उनकी सच्चाई देख ली है.

बड़े-बड़े धन्‍नासेठों, अमीरज़ादों, मालिकों, ठेकेदारों, बड़े दुकानदारों, बिल्‍डरों, धनी फार्मरों और तरह-तरह के धनपशुओं की विलासिता की मीनारें आम जनता के आँसुओं के समन्‍दर के बीचों-बीच और ऊँची होती जा रही हैं.

न तो ‘अच्‍छे दिन’ आ रहे हैं और न ‘ग़रीबी हट’ रही है. ऐसे वक़्त में हम भगतसिंह के शब्दों में “गतिरोध की स्थिति को तोड़ने और क्रान्ति की स्पिरिट को ताज़ा” करने के लिए “भगतसिंह जनअधिकार यात्रा” की शुरुआत करने जा रहे हैं.

क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी की नीशू ने ‘भगतसिंह जनअधिकार यात्रा’ का उद्देश्य बताते हुए कहा कि इस यात्रा का मक़सद देश की जनता को अपने बुनियादी अधिकारों के बारे में जागृत कर, सचेत करना और उन्‍हें प्राप्‍त करने के लिए संगठित होकर संघर्ष करना है.

जनता को इस सत्‍य से अवगत कराना है कि रोज़गार, सभी को समान व नि:शुल्‍क शिक्षा, चिकित्‍सा, आवास, हर नागरिक को राजकीय बीमा और एक सच्‍चे मायने में सेक्‍युलर राज्‍य हमारे मूलभूत अधिकार हैं.

यदि कोई सरकार हमें ये मूलभूत हक़ नहीं देती है तो उसे सरकार में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. भगतसिंह जन अधिकार यात्रा का लक्ष्‍य समाज में एक नयी क्रान्तिकारी जागृति लाना है.

यह सच्‍चाई उजागर करना है कि जनता अगर अपने असली मसलों को लेकर एकजुट हो जाये, संघर्ष करे तो वह अपने अधिकार हासिल कर सकती है, दुनिया बदल कर इतिहास बना सकती है.

To be continued…

 

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