BY–THE FIRE TEAM
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आईआरसीटीसी होटल आवंटन धन शोधन मामले के संबंध में राजद प्रमुख लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव को बतौर आरोपी तलब किया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और सभी आरोपियों को छह अक्तूबर को अदालत के सामने पेश होने का आदेश दिया।
अदालत ने इस तथ्य पर विचार करते हुए लालू के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया कि वह फिलहाल रांची की जेल में बंद हैं।
अदालत ने धनशोधन रोकथाम कानून के तहत दर्ज मामले में राजद सदस्य पीसी गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, फर्म लारा प्रोजेक्ट्स एवं आईआरसीटीसी के तत्कालीन एमडी पी के गोयल सहित दस अन्य को आरोपी के रूप में तलब किया गया।
अदालत ने ईडी के विशेष लोक अभियोजक अतुल त्रिपाठी की इन दलीलों पर संज्ञान लिया कि पहली नजर में इस मामले के आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं।
एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लालू और आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने पुरी और रांची के दो रेलवे होटलों का पट्टा अधिकार (सब-लीज राइट) विनय कोचर एवं विजय कोचर के मालिकाना सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को देने में अपने अपने पदों का कथित रूप से दुरुपयोग किया था। कोचर पटना के चाणक्य होटल के भी मालिक हैं।
एजेंसी ने दावा किया कि होटल को ‘सब-लीज’ के बदले, पटना का एक मौके का भूखंड फरवरी 2005 में बहुत कम दामों में डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किया गया। इस कंपनी के मालिक पी सी गुप्ता के परिजन हैं जो राजद के एक सांसद और यादव के करीबी हैं।
आरोपपत्र के अनुसार, अच्छीखासी जमीन स्वामित्व वाली यह कंपनी मामूली दामों पर शेयर खरीद के जरिये धीरे धीरे राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी को हस्तांतरित की गई।
ईडी ने कहा कि उसने इस मामले में अब तक 44 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
इस मामले में सीबीआई ने भी आरोपपत्र दायर किया है जिसमें अदालत यादव, उनकी पत्नी और उनके बेटे को बतौर आरोपी तलब कर चुकी है।
(पीटीआई-भाषा)