सांसद दिनेश लाल निरहुआ खिरिया बाग के जनांदोलन का कर रहे हैं अपमान

खिरिया बाग, कप्तानगंज (आजमगढ़): ‘जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा’ के तत्वाधान में 244 वें भी दिन धरना जारी रहा.

धरने में एयरपोर्ट बहाना है, जमीन लूट निशाना है, कौन बनाता हिंदुस्तान-भारत का मजदूर किसान, आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण को बंद करो आदि नारे लगे.

वक्ताओं ने कहा कि आजमगढ़ सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ आजमगढ़ एयरपोर्ट विस्तारिकरण के खिलाफ 244 दिन से जारी खिरिया बाग आंदोलन का अपमान कर रहे हैं.

इतने दिनों से जारी धरना के बाद भी वह इसे विपक्ष की करतूत बता रहे हैं. इसे व्यापक जनता के समर्थन का आंदोलन न मान कर कह रहे हैं कि

कुछ नेता 10 महिलाओं और 10 किसानों को खड़ा करके एयरपोर्ट के विस्तारीकरण योजना का विरोध कर रहे हैं. निरहुआ का कहना कितना शर्मनाक है कि

जब तक एयरलाइंस कंपनियों की बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जाएगी तब तक यहां पर घरेलू उड़ान के लिए भी कोई कंपनी नहीं आएगी.

खिरिया बाग के आंदोलनकारी किसान, मजदूर, महिला पूंछना चाहते हैं कि निरहुआ चंद कम्पनियों, पूंजिपतियों के सांसद हैं या मजदूर-किसान जनता का?

उन्हें क्यों पूंजिपतियों के बुनियादी सुविधाओं का इतना ख्याल है जिसमें आठ गाँव की 35 से 40 हजार जनता को उसके खेत, खलिहान, मकान से उजाड़ दिया जायेगा?

जनता की बुनियादी सुविधाएं-रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और इलाज में नाकाम भाजपा सरकार और सांसद दिनेश लाल पूंजीपतियों की बुनियादी सुविधा की बात करके जनता और वोटरों दोनों का अपमान कर रहे हैं.

निरहुआ द्वारा एयरलाइंस कंपनियों से बातचीत और उड़ान की गुजारिश करने से साबित हो गया कि मीडिया के जरिये घरेलू उड़ान भरने की तैयारी पूरी होने और अगले माह होगी उड़ान जैसी खबरें झूठ पर आधारित थीं.

दरअसल एयरपोर्ट निर्माण के नाम पर जनता की जमीन और पैसे को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया गया है. मोदी सरकार निजीकरण के रास्ते पर चलकर प्राइवेट कंपनियों पर आश्रित हो चुकी है.

आंदोलनकारियों ने दुख प्रकट किया कि 8 गांव के किसानों, मजदूरों, महिलाओं को एक सांसद चार गुना रेट पर जमीन बेचने का ऑफर देते हुए लालच दे रहा है.

एक सांसद के मुंह यह बात शोभा नहीं देता है क्योंकि किसानों, मजदूरों के लिए उनकी जमीन जन्मभूमि और मातृभूमि दोनों है.

जमीन ही उनके अस्तित्व व आजिविका दोनों का सहारा बनी हुई है. आने वाले समय में मोदी-योगी सरकार के पैसे तथा पावर के अहंकार को जनता चूर-चूर कर देगी.

वक्ताओं में रामनयन यादव, हरिहर, नकछेद राय ,नरोतम यादव, राजेश आज़ाद, का. रामाज्ञा यादव, रामसागर, राम सुमेर पहलवान, फूलमती, धरमी, सुभागी, कौशल्या, मोहन आदि थे.

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