आपने अक्सर देखा होगा कि बरसात के समय जब बादल आसमान में छा जाते हैं और तेज बारिश के बीच बिजली कड़क रही होती है तो इस बीच तेज़ तेज़ बादलों के गरजने की आवाज़ सुनाई देती है.
ये आवाज़ ऐसी होती है जैसे कोई बम फट रहा हो. आज इस पोस्ट में हम आपको इस आवाज़ के पीछे की साइंस समझाएंगे, इसके साथ ही आपको बताएंगे कि बारिश की बूंदों के बीच ऐसा क्या होता है कि बिजली उत्पन्न हो जाती है.?
पहले समझिए बादलों के बीच बिजली कैसे बनती है?
यह सब कुछ विज्ञान के जरिए होता है. दरअसल, जब आसमान में ढेर सारे पानी वाले काले बादल इकट्ठा हो जाते हैं तो बादलों में मौजूद बहुत छोटे छोटे बर्फ के कण जो क्रिस्टल्स के रूप में होते हैं आपस में घर्षण करने लगते हैं.
इसी घर्षण से ये पानी के कण चार्ज हो जाते हैं. इनमें कुछ कण पॉजिटिव ऊर्जा के होते हैं और कुछ कण निगेटिव ऊर्जा के. जब ये पॉजिटिव और निगेटिव ऊर्जा
के कण आपस में टकराते हैं तो बिजली उत्पन्न होती है. जब ये काफी मात्रा में टकराते हैं तो बिजली इतनी तेज चमकती है कि पूरा आसमान रोशन कर देती है.
अब समझिए की बादल कैसे गरजते हैं?
आपने अगर कभी ध्यान से देखा होगा तो आपको पता होगा कि बादलों की गरज तभी सुनाई देती है जब बिजली कड़कती है. यानी बादलों के गरजने का पूरा श्रेय बिजली को जाता है.
जब बादलों में बिजली बनती है तो उसकी वजह उनमें बेहद खतरनाक गर्मी पैदा होती है. ये गर्मी पूरे बादलों में तेजी से फैलती है और इनकी वजह से बादलों में
मौजूद करोड़ों अणु एक साथ आपस में टकराते हैं और इनके टकराने से खतरनाक गरज पैदा होती है. हालांकि, आपने नोटिस किया होगा कि आसमान में पहले हमें बिजली की चमक दिखाई देती है.
फिर उसके बाद बादलों के गरजने की आवाज सुनाई देती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रकाश की गति ध्वनि की गति से तेज होती है.