समेली (कटिहार): सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के बैनर तले मनुवादी-सांप्रदायिक-कॉरपोरेट फासीवादी हमले के खिलाफ
सम्मान, हिस्सेदारी व बराबरी के लिए आज समेली विवाह भवन (समेली प्रखंड,कटिहार) में बहुजन संसद का आयोजन किया गया.
यहाँ सबसे पहले अंगिका के चर्चित कवि भगवान प्रलय के अंगिका कविता संग्रह ‘आस’ का लोकार्पण हुआ. उनकी पुत्री असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.नित्य प्रिया प्रलय ने भगवान प्रलय के जीवन-संघर्ष व साहित्य पर प्रकाश डाला.
बहुजन संसद में अपनी बात रखते हुए रिंकु यादव ने कहा कि मोदी सरकार बहुजनों पर मनुवादी गुलामी थोप रही है और अंबानी-अडानी जैसे कॉरपोरेटों के हाथों देश को नीलाम कर रही है.
भाजपा-आरएसएस संविधान व लोकतंत्र को खत्म कर हिंदू राष्ट्र बनाने की ओर बढ़ रही है. हिंदू राष्ट्र में मनुवादी गुलामी पुनर्स्थापित होगा,
सब कुछ कॉरपोरेटों के हवाले होगा और तानाशाही होगी. इसे बहुजन समाज कतई कबूल नहीं कर सकता है. यहाँ दिल्ली से आए पत्रकार-लेखक डॉ.सिद्धार्थ रामू ने कहा कि
“संविधान ने मनुस्मृति को खारिज कर जाति, धर्म, लिंग या अन्य आधार पर गैरबराबरी को खत्म करने का एलान किया. आरएसएस शुरु से संविधान के विरुद्ध रहा है,
मनुवादी शक्तियों को संविधान कबूल नहीं रहा है. इसलिए 2014 में भाजपा की अगुआई में कॉरपोरेट और आरएसएस गठजोड़ द्वारा केन्द्र की सत्ता पर
कब्जा करने के बाद से संविधान व लोकतंत्र निशाने पर है. एससी, एसटी, ओबीसी व महिलाओं और मुसलमानों-धार्मिक अल्पसंख्यकों को
एक-दूसरे के साथ सम्मान-बराबरी व हक-अधिकार के सवाल पर खड़ा होना होगा, तभी बड़ी एकजुटता बनेगी और संविधान बचाया जा सकेगा.
प्रसिद्ध चिकित्सक व चिंतक डॉ. पीएनपी पाल ने कहा कि हर चुनाव महत्वपूर्ण होता है लेकिन 2024 का आम चुनाव हर 5 साल में आने वाला आम चुनाव नहीं,
बल्कि इस चुनाव से यह तय होना है कि आगे चुनाव होगा या नहीं! इस चुनाव से यह तय होगा कि संविधान रहेगा या नहीं!
इसलिए 2024 के चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना बहुजन समाज के लिए प्राथमिक कार्यभार है. बहुजन समाज के हर एक को संविधान व लोकतंत्र को बचाने की जवाबदेही लेनी होगी.
मुख्य वक्ता चर्चित बहुजन चिंतक डॉ. विलक्षण रविदास ने कहा कि भाजपा-आरएसएस वैज्ञानिक चेतना, तर्क-विवेक, सच व न्याय विरोधी है, मनुष्यता व विकास विरोधी है, समाज व देश के लिए खतरनाक है.
उन्होंने कहा कि संविधान ‘हम भारत के लोग’ का है, संविधान की रक्षा हम भारत के लोगों को करना है. मोदी सरकार को संविधान बदलने की छूट नहीं दिया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि EWS आरक्षण संविधान के विरोध में लाया गया. इससे एससी, एसटी व ओबीसी का आरक्षण प्रभावहीन हो रहा है.
शासन-सत्ता की संस्थाओ़ में सवर्णों का प्रभुत्व बढ़ रहा है. सामाजिक न्याय के लिए जरूरी है कि EWS आरक्षण को खत्म किया जाए.
बहुजन संसद का संचालन कर रहे गौतम कुमार प्रीतम और अध्यक्षता करते हुए दिनेश प्रसाद यादव ने कहा कि मोदी सरकार घोर सामाजिक न्याय विरोधी
होने के कारण ही जातिवार जनगणना से भाग रही है. भाजपा पिछड़ों-अतिपिछड़ों को पूरा-पूरा हक-हिस्सा नहीं देना चाहती है.
क्योंकि वह जानती है कि जातिवार जनगणना होने से यह सच सामने आ जाएगा कि “समाज के किस हिस्से ने आज भी दूसरे हिस्से के हक-हिस्से पर कब्जा कर रखा है.
इस सच के सामने आने के बाद भाजपा के लिए झूठ व नफरत की खेती कर सत्ता पर काबिज रहना मुश्किल हो जाएगा और मनुवादी वर्चस्व के खिलाफ सम्मान, हिस्सेदारी व बराबरी के लिए बहुजनों की लड़ाई तेज हो जाएगी.
पटना विश्वविद्यालय के छात्र नेता गौतम आनंद और कटिहार के छात्र नेता राजा आभीर ने बताया कि निजीकरण के जरिए तेज गति से निजीकरण,
अंबानी-अडानी जैसे कॉरपोरेटों के हाथों रेलवे सहित तमाम सरकारी संस्थानों, संस्थाओं व कंपनियों को बेच कर रोजगार के अवसरों को खत्म किया जा रहा है.
निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू नहीं है. शिक्षा का भी निजीकरण किया जा रहा है. बहुजन छात्र-नौजवानों के लिए शिक्षा-रोजगार हासिल करने का रास्ता बंद किया जा रहा है.
प्रो.हीरा लाल गौतम, राजद प्रखंड अध्यक्ष विनोद कुमार यादव, अशोक कुमार मंडल, बुद्धदेव मंडल, युगल मंडल, मो.रियाज,
ईश्वर चन्द्र विद्यासागर, मो. रफिक, ई.अमित पंडित, अनेक लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे.