जन सरोकार से जुड़ी समस्याओं पर पैनी नजर रखने तथा बेबाकी से अपनी बात कहने वाले ‘पूर्वाञ्चल गांधी’ वर्तमान भाजपा सरकार की
नीतियों को निशाने पर लेते हुए बताया कि प्रधानमंत्री जी के पैर के नीचे बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, भूख, कुपोषण, 80 करोड़ खैराती जनता,
हिंदू मुस्लिम नफरत, बाजार में ऊंची कीमतों पर बिकती शिक्षा, चिकित्सा, जनसंचार, न्याय जैसे पहलू सहित लोगों के जीवन की जरूरतें दबी हुई हैं.
प्रधानमंत्री जी अब भारत को विश्वगुरु बनाने का आपका सपना पूरा हो चुका है. अब गरीबों का जीवन दे दीजिए जो आपने ऊंची कर प्रणाली एवं कीमतों में वृद्धि करके छीन लिए हैं.
हमारी मांगे है कि ★शिक्षा, चिकित्सा, जनसंचार, न्याय फ्री कर दीजिए ★आटा, चावल, गेहूं, दाल, तेल, चीनी, दवा, हवा, पानी पर GST समाप्त कीजिए.
इन सब चीजों पर टैक्स वसूलना “जीवन” के मौलिक अधिकार अनु 21 से वंचित करना है. इसक अलावा ★निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त कर दीजिए.
जब देश में समानता का अधिकार लागू है फिर सांसदों, विधायकों के साथ 38 VIP की गाड़ियों पर टोल टैक्स नहीं लगता तो लोगों की गाड़ियों पर टोल टैक्स क्यों?
ऐसा करना सीधे तौर पर समानता के मौलिक अधिकार की हत्या है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गांधी जी ने कहा कि
“प्रधानमंत्री जी मेरे दर्जनों पत्रों का कोई जवाब नहीं मिला, ऐसा लगता है लोकतंत्र के स्थान पर आपका मनमाना तंत्र चल रहा है.”
इन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि 26 सितंबर तक उनकी मांगों पर विचार करके इसे लागू नहीं किया गया तो वह 27 सितंबर को भगत सिंह जयंती
के मौके पर संसद के सामने आमरण अनशन प्रारंभ कर देंगे. यही इस क्रूर सत्ता का पतन सुनिश्चित करेगा. मैं क्रूर इसलिए कह रहा हूं क्योंकि 100 करोड़ लोग
गरीबी, महंगाई से कुपोषित और तबाह हैं, उनके घर एक पैसा नहीं कि वे शिक्षा, चिकित्सा, जनसंचार, न्याय हासिल कर सकें.
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री अपने नाम के लिए और पुनः सत्ता पर कब्जा करने के लिए गरीबों को दफन कर रहे हैं. आपकी सत्ता धीरे-धीरे पतन की ओर बढ़ रही है.
यदि भगत सिंह जयंती (27 सितंबर तक) महंगाई न मरी तो यकीन मानिए इस मनमानी तानाशाही हुकूमत को लोग दफन कर देंगे.
{पीएचडी इन हिस्ट्री हिस्ट्री डिपार्टमेंट फैकल्टी ऑफ़ सोशल साइंसेज दिल्ली यूनिवर्सिटी
9415418263 9415282102, [email protected]}