- डिप्लोमा इंजीनियर संघ के समर्थन से हड़ताल का परचम बुलंद–रूपेश
गोरखपुर: ‘राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद’ के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान तथा गोरखपुर के जिलाध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव के
अथक प्रयास से आज पुरानी पेंशन बहाली के लिए आगामी दिनों में होने वाले हड़ताल को डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ का समर्थन मिल गया है.
संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष और परिषद के कार्यकारी जिला अध्यक्ष इंजीनियर राम समुझ शर्मा ने आज इसके समर्थन का ऐलान करते हुए
21 नवंबर को संघ भवन पर हड़ताल के समर्थन में मतदान कराए जाने की बात कही है. परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि
इंजीनियर संघ का साथ मिलने से हड़ताल का परचम और बुलंद हुआ है. उन्होंने कहा कि इंजीनियर सरकार के ब्रेन होते हैं,
इनका साथ मिलने से सरकार का भी ब्रेनवाश होगा और सरकार शीघ्र ही पुरानी पेंशन बहाल करेगी. डिप्लोमा इंजीनियर संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष इंजी.
राम समुझ शर्मा ने कहा कि हम सभी कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए कटिबद्ध और तन-मन-धन से इस महा अभियान को समर्थन दे रहे हैं.
इसी क्रम में दिनांक 21 नवंबर को संघ भवन पर हड़ताल के समर्थन में मतदान भी कराऊंगा और सरकार से अनुरोध करता हूं कि
वह कर्मचारी के बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन को शीघ्र बहाल करें. उन्होंने बताया कि हमारे साथ लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग सिविल,
लघु सिंचाई विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, नगर निगम, राजकीय निर्माण निगम, समाज कल्याण निगम, सिंचाई विभाग यांत्रिक, सेतु निगम,
राज विद्युत परिषद, कृषि विभाग, आवास विकास परिषद, तथा मंडी परिषद सहित सभी विभागों के इंजी. एकजुट होकर इस हड़ताल को समर्थन दे रहे हैं.
परिषद के उपाध्यक्ष अशोक पांडे ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हैं कि वह अपने पार्टी के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की
गलतियों को सुधार करते हुए पुराने पेंशन बहाल करें अन्यथा कर्मचारी समाज 2024 में सरकार को वोट से चोट पहुंचाने का काम करेगा.
इस अवसर पर परिषद के महामंत्री मदन मुरारी शुक्ल, ई० अनिल किशोर पांडेय ई० एन पी शाही, ई० राजकुमार सिंह, ई० निधि त्रिपाठी,
ई० मैथिली शरण गुप्त ई० वीरेंद्र निषाद ई० रितेश सिंह ई० आर के वर्मा, परिषद के पदाधिकारी पंडित अशोक पांडेय, पंडित श्याम नारायण शुक्ला,
एस० के० विश्कर्मा, सौरभ श्रीवास्तव, रामधनी पासवान, सूरज, अनूप कुमार श्रीवास्तव आदि लोग उपस्थित रहे.