गोरखपुर: बुढ़ापे की लाठी अथवा जीवित भत्ता कही जाने वाली ‘पेंशन’ की बहाली को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ ने अपने केन्द्रीय कार्यालय गोरखपुर में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया.
इस मौके पर महामंत्री बजरंगी दुबे ने बताया कि सभी सरकारी कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में
सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ द्वारा 23 जनवरी, 2023 से चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाया जा रहा है.
इसका समापन 22 नवंबर, 2023 को संसद भवन जंतर-मंतर पर विशाल धरना प्रदर्शन के साथ किया जाएगा. आगे दुबे जी ने बताया कि भारतीय रेलवे में NPS वर्ष 2004 में
रेलवे बोर्ड में मान्यता प्राप्त फेडरेशनों की सहमति से लागू किया गया और दोनों फेडरेशन के राष्ट्रीय पदाधिकारी एन0पी0एस0 ट्रस्ट के सदस्य भी बने थे.
सभी जानते हैं कि रेलवे में वर्ष 2004 में कर्मचारी संगठन के मान्यता हेतु चुनाव की व्यवस्था नहीं थी. एक फेडरेशन स्वतंत्रता के पहले से और दूसरा फेडरेशन स्वतंत्रता के बाद से मान्यता प्राप्त है.
इन फेडरेशनों को कर्मचारियों के हितों की चिंता कम और अपने हितों का ध्यान अधिक रहता है जिसके कारण रेलवे में एनपीएस लागू करने में कोई संकोच नहीं किया गया.
परंतु भारतीय रेलवे मजदूर संघ वर्ष 2004 से ही एनपीएस का निरंतर विरोध करता आ रहा है. भारतीय रेलवे मजदूर संघ के सतत प्रयासों से
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार भारतीय रेल में कर्मचारी संगठनों की मान्यता कर्मचारियों के गुप्त मतदान के आधार पर दिए जाने का प्रावधान किया गया.
वर्ष 2007 में मान्यता हेतु कराए गए चुनाव में पूर्वोत्तर रेलवे एकमात्र संगठन पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ ही विजई हुआ.
मान्यता हेतु चुनाव के कारण इन फेडरेशनों को भी एनपीएस को मजबूरी में मुद्दा बनाना पड़ रहा है क्योंकि वर्ष 2014 तक इनके द्वारा कोई एनपीएस हटाने के लिए आंदोलन नहीं किया गया.
वर्ष 2004 से 2014 तक कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार रही जिसने कर्मचारी हित में एनपीएस में कोई सुधार नहीं किया.
बल्कि 2013 में पी0एफ0आर0डी0ए0 बिल लोकसभा एवं राज्यसभा से पास कराकर एनपीएस को संवैधानिक दर्जा दे दिया गया.
उस समय भी भारतीय मजदूर संघ से संबंध सभी श्रम संगठनों द्वारा एनपीएस का विरोध जारी रहा जिसका एक अंग पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ भी है.
- भारतीय मजदूर संघ के सतत प्रयासों से 2014 के बाद एनपीएस में निम्नलिखित सुधार कराया गया:
1:- एनपीएस कर्मचारियों की सेवा काल में मृत्यु होने पर पुरानी पेंशन का लाभ आश्रित परिजनों को दिया जाना है
2:- एनपीएस कर्मचारियों को एक से अधिक बार धन निकासी की व्यवस्था
3:- एनपीएस कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी के भुगतान की व्यवस्था
4:- एनपीएस कर्मचारियों के पेंशन फंड में जमाधन कर्मचारी का 10% एवं सरकार/ संस्थान का 14% किया जाना
5:- एनपीएस में सुधार हेतु वित्त मंत्री के सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यो की कमेटी का गठन किया गया जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है
NPS में कर्मचारी के अंतिम वेतन के 50% पेंशन की गारंटी सामाजिक सुरक्षा की गारंटी तथा महंगाई सूचकांक से न जुड़े होने के कारण संघ की मांग है कि सभी सरकारी कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन लागू किया जाए.
पूर्वोत्तर रेलवे के सभी मंडलों से संघ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता 21 नवंबर, 2023 को दिल्ली के लिए विभिन्न चरणों से प्रस्थान करेंगे.
प्रेस वार्ता में केंद्रीय संगठन मंत्री संजय त्रिपाठी, कार्यालय मंत्री कामेश्वर दुबे, कर समिति सदस्य अजीत शाही, अभय कुमार सिंह मंडल मंत्री, सुरेंद्र कुमार यादव मंडल संगठन मंत्री विनय कुमार श्रीवास्तव सहित प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे.