जनमानस के कुशल चितेरे, पर्यावरण विद्, समाजविद, हिंदू मुस्लिम एकता के पैरोकार तथा पूर्वांचल के गांधी कहे जाने वाले डॉक्टर संपूर्णानंद मल्ल ने
देश में मनाये जा रहे अमृत काल को लेकर अनेक प्रश्न खड़े किए हैं. इन्होंने पूछा है कि यह कैसा भारत है जहां विकसित भारत के दो तस्वीरें दिख रही हैं.
योगी गोरख की तपोस्थली एवं पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के शहादत शहर में सड़कों, नालों, गंदे स्थानों के किनारे बरसाती टिन कच्ची-पक्की ईंट के
आधे अधूरे टूटे-फूटे घरों में कम से कम लाख से अधिक कंगाल निर्धन जीवन बचाने की कोशिश में लगे हैं. वे शिक्षा, चिकित्सा, न्याय नहीं जानते…
आसरा आवास जिसका आवंटन 2019 में संसदीय चुनाव के समय हुआ था, जो सड़क पर रहने वाले डोम, बांसफोड़, स्वीपर, मेहतर आदि को आवंटित किया गया
लोग गंदे शौच, पेशाब के पानी में रहते हैं, लगभग 300 लोगों के बीच एक हैंड पाइप है. वहां रहने वाले पीने का पानी, शिक्षा, चिकित्सा, न्याय नहीं जानते क्या है?
उपन्यास नहीं लिख रहा हूँ, यह सब मैं अपनी आंखों से देख रहा हूँ और उनके बीच 1 जनवरी को रहता हूँ. मुझे यह देखा नहीं जाता परंतु मैं क्या करूं? रोज मरता हूँ, रोज जीता हूँ.
आजादी के पहले तक जब अंग्रेजों ने इस देश का खजाना ढोकर टेम्स नदी के किनारे बसे शहर लंदन में निचोड़ दिया था परंतु जो आज मैं अपनी आंखों से देखता हूँ वैसा इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं है.
40 साल पहले की घटनाएं मुझे याद हैं, तब हम गरीब थे फिर भी इस प्रकार का जीवन हमने नहीं देखा. मैं मानता हूं इसके दोषी हिंद के हिंदुस्तानी लुटेरे हैं
जिसमें प्रधानमंत्री, मंत्री, लेजिस्लेटिव मेंबर्स, अधिकारी एवं पूंजीपति हैं, प्रधानमंत्रियों को सत्ता की भूख सताती रही. एक बार प्रधानमंत्री बनने से पेट न भरता तो दूसरी बार तीसरी बार के लिए जीवन, मानवता, लोकतंत्र संविधान की हत्या करते रहे.
परंतु आप जो कुछ कर रहे हैं यकीन मानिए भारत में जीवन इंसानियत और संविधान पल-पल कमजोर होकर टूट रहा है.
सेंट्रल लेजिसलेटिव असेंबली जिसे आज संसद कहते हैं, मैं उतना ही विश्वास रखता हूं जितना भगत सिंह, अशफ़ाकउल्ला खां और गांधी रखते थे.
लोकतंत्र का ऐसा स्थल जिसकी स्थापना अंग्रेजी वायसराय इरविन के जमाने में हुई थी, आज उसमें कुछ को छोड़कर शेष बलात्कारी,
व्यभिचार, लुटेरे, अपराधी, गाली-गलौज करने वाले, हिंदू-मुस्लिम नफरत एवं जाति का जहर घोलने वाले बैठते हैं.
पूर्वाञ्चल गांधी ने पीएम को लिखा है कि राम को दिल के मंदिर में रहने दीजिए, अयोध्या में लाखों दिए की जगह एक दिया जलाइए अन्यथा इस अंध विश्वास,
पाखंड, जीवन एवं संविधान की हत्या के विरुद्ध गोरखपुर के सोमालिया, आसरा आवास, में 22 जनवरी को गांधी, अंबेडकर की तलाश करूंगा.