{मनव्वर रिज़वी}
गोरखपुर: दिसम्बर से लेकर फरवरी का मौसम हमेशा टप्पेबाजों और चोरों के अनुकूल रहा है. खासकर कोतवाली क्षेत्र जो हमेशा से टप्पेबाजों के लिए जन्नत साबित हुआ है.
यह बात हम नहीं बल्कि पुलिस रिकार्ड बता रहे हैं. एक बार फिर ठंढ का मौसम आ गया है लेकिन टप्पेबाजों से सावधान करने वाले पोस्टर नज़र नही आ रहे.
साथ ही टप्पेबाजों से सावधान करने के लिए जगह-जगह लगाए गए ध्वनि विस्तारक यंत्र भी खामोश हैं. इसी मौसम में टप्पेबाज और चोर सक्रिय होते हैं, ये जानते हुए भी कोतवाली पुलिस शायद किसी पहली घटना के इंतज़ार में है.
वर्ष 2019 से लेकर अंतिम ज्ञात टप्पेबाजी की घटनाओं को देखा जाए तो ज़्यादातर घटनाएं दिसम्बर से फरवरी के बीच हुई हैं.
फरवरी 2019 में जब ऐसी घटनाएं बढ़ने लगी तब इन पर लगाम लगाने के लिए तत्कालीन पुलिस प्रशासन द्वारा पूरे थाना क्षेत्र में टप्पेबाजों से जुड़ी सूचना पोस्टर पर अंकित कर जगह-जगह चस्पा कराई गई थी.
इसके अलावा विजय चौराहा, एडी तिराहा, घोष कंपनी चौराहा और मदीना मस्जिद पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाकर लगातार टप्पेबाज़ और उनसे जुड़ी चेतावनी
प्रसारित की जाती थीं जिससे बहुत हद तक टप्पेबाजी की घटनाओं को लेकर बाहर से शहर में आने वाले व्यपारियों को जागरूक किया जाता था.
इससे टप्पेबाजी की घटनाओं पर अंकुश लगा था और लोग सावधान भी हुए थे. वर्तमान समय में विभिन्न स्थानों पर लगे ध्वनि विस्तारक यंत्र खामोश हैं,
साथ ही चेतावनी पोस्टरों का पता नहीं और कुछ बचे भी हैं तो उन पर धूल जम गई है. आपको याद दिलाते चलें कि 2019 में कोतवाली क्षेत्र में
लाखों रुपयों की टप्पेबाजी की घटनाएं हुई लेकिन उन घटनाओं का न तो खुलासा हुआ और न कोई बरामदगी हुई.