{SAEED ALAM KHAN}
बढ़ती तकनीकी की दुनिया में मोबाइल फोन का प्रयोग एक आम मशीन के रूप में जनजीवन का हिस्सा हो चुका है.
एक तरफ इस मोबाइल से जहां दैनिक जरूरतें जैसे गैस, बिजली, पानी, फोन इत्यादि के बिलों का भुगतान आसान हुआ है तो वहीं सोशल साइटों की बढ़ती बाढ़ में लोग डूबते चले जा रहे हैं.
इसका सबसे अधिक खतरनाक असर मोबाइल पर घंटा समय बिता रहे युवाओं पर पड़ा है क्योंकि अब 20 से 30 वर्ष के युवा दिल के मरीज बनते चले जा रहे हैं.
इसके कारण घबराहट, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर, धड़कन, कोलेस्ट्रॉल बढ़ोतरी जैसे दिक्कतें देखने को मिल रही हैं.
बता दें कि इस तरह का खुलासा पीजीआई लखनऊ के कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के सर्वे में सामने आया है. कार्डियोलॉजी की ओपीडी में
लगभग 200 मरीजों की स्क्रीनिंग की गई जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच है. पता चला कि ये लोग घंटों मोबाइल पर अपना समय व्यतीत कर रहे थे.
इस संदर्भ में डॉक्टर नवीन गर्ग ने बताया है कि हृदय रोग जीवन शैली से जुड़े हैं जिसके लिए काफी हद तक मोबाइल जिम्मेदार है.
नौकरी, पेशा, व्यवसाय वाले 80% लोग जबकि पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे 20% युवाओं में यह समस्याएं देखने को मिली हैं.
सुबह की शुरुआत होती है मोबाइल से:
मैरिज युवाओं ने बताया कि दिन की शुरुआत मोबाइल से होती है क्योंकि उन्हें व्हाट्सएप, फेसबुक, मेल, इंस्टाग्राम जैसी दूसरी चीजें देखनी पड़ती हैं.
बहुराष्ट्रीय कंपनियां तथा कारोबार से जुड़े युवाओं ने बताया कि रोज लैपटॉप पर औसतन 8 घंटे तक काम करते हैं, साथ ही लगभग 6 घंटों का समय मोबाइल पर भी देना पड़ता है.
मोबाइल की लत से युवाओं का पैदल चलना लगभग बंद हो चुका है. जबकि मोटापा, बदली जीवन शैली ने बीपी, कोलेस्ट्रॉल तथा फास्ट फूड की आदत ने भी सेहत को बिगाड़ रखा है.