संविधान को बचाने और विकास के मुद्दे पर जीतेंगे चुनाव: जावेद सिमनानी

गोरखपुर: सदर लोकसभा क्षेत्र से बसपा के युवा प्रत्याशी जावेद सिमनानी ने प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार-वार्ता में कहा कि यदि जनता ने मुझे आशीर्वाद देकर

चुनाव जिताती है तो वे गोरखपुर में एक बड़ा उद्योग लगवाकर बेरोजगारों को रोजगार दिलवाने का प्रयास करुंगा. उन्होंने कहा भाजपा सांसद ने गोरखपुर जनपद में

कोई भी विकास का कार्य नहीं किया. वर्तमान भाजपा सांसद को क्षेत्र की जनता जानती व पहचानती नहीं है. किस बुनियाद पर भाजपा वोट मांग रही है?

जनता महंगाई और भ्रष्टाचार की मार झेल रही है. भाजपा को जनता पूरी तरह से नकार चुकी है. सिमनानी ने कहा कि विकास के क्षेत्र में गोरखपुर में सारी सुविधाओं को मुहैया कराकर जनता को राहत पहुंचाने में सहायक बनूंगा.

गोरखपुर को विकसित करने में सभी की मदद से सारे रुके हुए कार्य को पूरा कराउंगा. बसपा प्रत्याशी जावेद सिमनानी ने कहा कि गोरखपुर विरासत के रूप में

संभालने वाला एक एतिहासिक शहर है, इसे विकसित करते समय इसकी विरासत को सहेजने का कोई प्रयास नहीं किया गया है.

सिमनानी ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री की भाषा समाज के हर वर्ग को साथ जोड़कर रखने वाली होनी चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाषा समाज में अलगाव पैदा करने वाली है.

भाजपा की सांप्रदायिकता के मुद्दे की तुलना में वे अपने ‘विकास’ के मुद्दे पर लोकसभा का चुनाव जीतेंगे, गोरखपुर उनकी जन्मस्थली है.

 

बसपा प्रत्याशी जावेद सिमनानी ने कहा कि गोरखपुर देश की विरासत को संभालने वाला एक एतिहासिक स्थल है.

गोरखपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर के रूप में विकसित करते समय यहां के काम करने वाले कारीगर, पटरी पर व्यवसाय करने वालों और विशेष लजीज पकवान

बनाने वालों की कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाना उनकी प्राथमिकता रहेगा. बसपा प्रत्याशी जावेद सिमनानी ने इस लोकसभा चुनाव को आजादी की

दूसरी लड़ाई बताते हुए कहा कि बसपा देश के सभी लोगों की समस्याओं, विकास, आकांक्षाओं और आशाओं एवं उम्मीदों के साथ चुनाव लड़ रही है.

उन्होंने कहा कि बसपा डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर और उस समय के अन्य प्रबुद्ध लोगों द्वारा तैयार किया गया, भारत के संविधान को मानती है.

बसपा दोहराती है कि भारत का संविधान हमेशा हमारे साथ रहेगा और हमारा एकमात्र मार्गदर्शक है. इस लोकसभा चुनाव में बसपा भारत की आशा और उम्मीद की किरण है.

हमारी नीतियों ने मुख्य रूप से कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में तेजी से औद्योगीकरण को प्रोत्साहित किया, भारत को एक अकालग्रस्त देश से

दुनिया भर के देशों को खाद्यान्न निर्यात करने वाले देश के रूप में बदला, एक वैश्विक सॉफ्टवेयर शक्ति-केंद्र (पावरहाउस) के रूप में भारत के उदय के लिए

वैज्ञानिक और तकनीकी नींव तैयार की और अनुसंधान एवं उच्च शिक्षा में उच्च श्रेणी के संस्थान बनाए, जिनसे निकले स्नातकों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में देखा जाता है.

बसपा प्रत्याशी जावेद सिमनानी ने कहा कि ‘युवाओं की नौकरियां चली गईं हैं.‘ आज बेरोज़गारी दर 8 प्रतिशत है और स्नातकों (ग्रेजुएट्स) के बीच बेरोजगारी दर 40 प्रतिशत से अधिक है.

भाजपा सरकार किसानों की आशा और विश्वास को खो चुकी हैं. व्यापारियों का व्यापार चौपट हो गया है, जीएसटी ने लाखों व्यापारियों से अत्यधिक टैक्स लूटा है और मुक्त-व्यापार (फ्री-ट्रेड) को बाधित कर दिया है.

महिलाओं में सुरक्षा की भावना खत्म हो गई है. वर्ष 2014 से 2022 के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराध 31 फीसदी बढ़ गए हैं. वंचित समुदाय अपने आर्थिक अधिकार खो चुके हैं।सरकारी संस्थानों की स्वतंत्रता ख़त्म हो गई है.

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