- जिओ सहित प्राइवेट संचार कंपनियों जप्त की जाँए, क्या हमें ऐसे ही लूटा जाता रहेगा?: पूर्वांचल गाँधी
अपने व्यवसाय में अप्रत्याशित वृद्धि करने के लिए प्राइवेट संचार कम्पनियाँ हर प्रकार के हथकंडे अपने से चुक नहीं रही हैं. अब चाहे मुफ्त सुविधा देकर ग्राहकों को फांसने का विषय हो अथवा लुभावने ऑफर दिखाकर अपने पक्ष में लाने का संदर्भ, ग्राहक भी बेचारा क्या करे?
फिलहाल ताजा मामला दूरसंचार कंपनी जिओ से जुड़ा है जिसने अपने रिचार्ज मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि करके उपभोक्ताओं में त्राहि मचा दिया है.
पूरे प्रकरण को लेकर समाजवाद के प्रखर समर्थक पूर्वांचल गांधी डॉक्टर मल्ल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर पूछा है कि हमें प्राइवेट कंपनियां इस तरीके से लुटती रहेगी और हम कब तक देखते रहेंगे?
प्राइवेट लुटेरों को किसने पैदा किया है? क्या भगत सिंह, गांधी, अंबेडकर ने पैदा किया जिन्होंने हमें समाजवाद, स्वराज एवं संविधान दिया. संविधान के प्रस्तावना में, “सोशलिस्ट” शब्द का जिक्र है.
दरअसल यह भगत सिंह की आत्मा की आवाज थी. यदि जिओ के मालिक मुकेश अंबानी को इस तरीके से जिओ रिचार्ज वृद्धि करने का अधिकार है तो सत्य, अहिंसा की ताकत से कहना चाहता हूं कि मुझे जेल में डाल दिया जाए.
क्योंकि इसे मैं एक पल भी स्वीकार नहीं कर सकता अन्यथा 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस संसद भवन पर सत्याग्रह के दौरान मनमाना एवं अराजकता तोड़ दूंगा.
डॉ गाँधी ने बताया कि भगत, गांधी, अंबेडकर का यह महान मुल्क है जो संविधान से चलता है. यहाँ नियम एवं कानून है जबकि जिओ के मालिक मुकेश अंबानी ने जिओ का रेट तय करने में ‘मनमानी’ किया है.
इस तरीके से जिओ की कीमतों में वृद्धि कर बेगुनाह निर्दोष उपभोक्ताओं को लूटने का यह अधिकार उन्हें किसने दिया?
हमारा जीवन किसान चलाता है जिसके उत्पादन पर यह मुल्क जीवित है.
इसके उत्कीपाद की कीमतें सरकार तय करती है, उसमें वृद्धि दो-डेढ, तीन प्रतिशत होती है किन्तु जिओ ने रिचार्ज की कीमत 25% तक बढ़ा दिया? क्या इस देश में संचार सुविधाओं की कीमतें जिओ के मालिक मुकेश अंबानी तय करेंगे?
मेरा आग्रह है कि-1. सबसे पहले रिलायंस कंपनी एवं उनके मालिक की संपूर्ण संपदा जप्त की जाए क्योंकि उन्होंने संचार के माध्यम से हिंदुस्तान को मुट्ठी में दबाने की कोशिश की है.
-2. संचार के क्षेत्र में काम कर रही उनकी जिओ कंपनी जप्त की जाए. साथ ही संचार में जितनी भी कंपनियां काम कर रही हैं, बिना विलंब जप्त कर ली जाए
-3. पूर्व की भांति दूरसंचार पर BSNL का एकाधिकार हो. सभी प्राइवेट कंपनियों में लगे कर्मचारियों को BSNL में समायोजित किया जाए.
700 जिलों में 7 लाख लाइनमैन एवं टेक्निकल स्टाफ नियुक्त किए जाएं. ‘ऑटो सर्विस ‘एवं’ ‘सेवा चार्टर’ लागू किया जाए जिसमें ‘घर बैठे शिकायत दूर करना’ एवं “24 घंटे में किसी शिकायत का निस्तारण”लागू हो. सभी नियुक्तियां पेंशन और पीएफ युक्त हो.
आज रिलायंस ने जिओ रिचार्ज में इतनी वृद्धि क्यों और किस नियम के तहत किया है? क्या इसमें कोई ‘रेशनलिटी’ है? इसकी जांच सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधीन गठित किसी कमेटी से कराई जाए.
पत्र की इस कॉपी को सर्वोच्च न्यायालय, उपराष्ट्रपति, स्पीकर लोकसभा, मानवाधिकार आयोग, तथा दूरसंचार मंत्री को भी प्रेषित किया है.
{डॉ संपूर्णानंद मल्ल ‘पूर्वांचल गांधी’ 9515418263}