गांवों के ओपन जिम साकार करेंगे ‘कैच देम यंग’ का सपना, बदलाव का होगा बहुआयामी असर

खेलों में भी उत्तर प्रदेश सिरमौर बने, यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की मंशा है. इसके लिए सबसे प्रभावी फॉर्मूला है, “कैच देम यंग.”

मसलन बचपन से होनहार प्रतिभाओं को पहचानकर उनको उसी तरह की बुनियादी सुविधाएं, प्रशिक्षण और एक्सपोजर दिलाना. इसमें गांव-गांव में खुलने वाले ओपन जिम की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

इसीलिए अनुपूरक बजट में भी सरकार में ग्रामीण क्षेत्रों में ओपन जिम खोलने के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. ओपन जिम में ग्रामीण क्षेत्र की खेल प्रतिभाएं निखरेंगीं वहीं सरकार द्वारा संचालित

‘खेलो इंडिया सेंटर’ और सभी सुविधाओं से आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेज में इंटरनेशनल स्तर के कोच के प्रशिक्षण से इनको और निखारा जाएगा.

सरकार एक जिला, एक खेल (वन डिस्ट्रिक्स, वन स्पोर्ट्स) पर भी गंभीरता से काम कर रही है. उल्लेखनीय है कि हर जिले में कुछ खास खेल अपेक्षाकृत अधिक प्रचलित होते हैं.

संबंधित जिले में उन खेलों को खास प्रोत्साहन देने और उसी अनुसार बेहतरीन बुनियादी सुविधाएं और प्रशिक्षण देने की भी योजना है। मेरठ में युद्ध स्तर पर बन रही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी योगी सरकार की खेल प्रतिभाओं को निखारने में मील का पत्थर बनेगी।

7 वर्षों में हुआ खेल क्षेत्र का कायाकल्प:

सच तो यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ की खेलों के प्रति निजी रुचि के कारण पिछले सात वर्षों में खेल जगत का पूरा परिदृश्य ही बदल गया है.

आज प्रदेश में कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम हैं. कानपुर और लखनऊ में तो लगातार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मैच भी होते हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बनने वाला क्रिकेट स्टेडियम:

बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड) द्वारा संचालित उत्तर प्रदेश का एकमात्र स्टेडियम होगा. कुछ दिनों पहले गोरखपुर में भी इंटरनेशनल स्तर के क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की घोषणा मुख्यमंत्री कर चुके हैं.

युवा खिलाड़ी नामचीन खिलाड़ियों से प्रेरणा ले सकें इसलिए उनका भी सम्मान किया जा रहा है. हाकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यान चंद के नाम से बन रही

स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के बाद मुख्यमंत्री ने अनुपूरक बजट में बाराबंकी स्थित पद्म श्री बाबू केडी सिंह के बाराबंकी स्थित पैतृक निवास को संग्रहालय घोषित करना भी एक ऐसा ही प्रयास है.

इस बाबत सरकार ने अनुपूरक बजट में 19.34 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया है. गोरखपुर के रामगढ़ झील में नौकायन प्रतियोगिता के लिए पूरी सुविधा मौजूद है.

राष्ट्रीय स्तर की एक सफल प्रतियोगिता भी वहां हो चुकी है. खेलो इंडिया के तहत उत्तर प्रदेश इंटर यूनिवर्सिटी गेम, नोएडा में मोटो जीपी के तहत पहली बार

इंटरनेशनल बाइक रेस का आयोजन इस बात का सबूत है कि उत्तर प्रदेश में खेल संबंधी सुविधाओं के विस्तार के साथ यहां का पूरा परिदृश्य बदल चुका है.

इस बदलाव का होगा दूरगामी और बहुआयामी असर:

बदलाव की यह प्रक्रिया लगातार जारी है जिसके नतीजे भी दूरगामी और बहुआयामी होंगे. मसलन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों से हास्पिटलिटी और इससे संबंधित सेक्टर्स को लाभ होगा.

खेल सामग्री की मांग बढ़ने से संबंधित इंडस्ट्री को भी लाभ होगा, स्थानीय स्तर पर रोजी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. युवाओं में जीत का जज्बा और अनुशासन का बढ़ना बोनस होगा.

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