Gorakhpur: जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देने वाले, दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी, पर्यावरण विद्, समाजविद डॉ संपूर्णानंद मल्ल जिन्हें ‘पूर्वांचल गांधी’ कहा जाता है, अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं.
विभिन्न न्यूज़ चैनलों को दिए गए इंटरव्यू में जिस तरह उन्होंने सांप्रदायिकता, नफरती भाषण, दलितों पर अत्याचार, मुसलमानों की सुरक्षा आदि पर टिप्पणी किया है,
उसके बाद से ही सोशल मीडिया में उनके ऊपर न केवल भद्दे कमेंट्स किए जा रहे हैं बल्कि जान से मरने तक की धमकी मिल रही है.
इस मुद्दे को लेकर इन्होंने गोरखपुर के डीएम तथा एसएसपी सहित अनेक जिम्मेदार लोगों को पत्र के जरिए सुरक्षा की मांग किया किंतु इन्हें विगत 2 महीने से मात्र आश्वासन ही मिल रहा है.
ऐसा लगता है कि पुलिस किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रही है कि जब वह घटित हो जाए तब यह जागेंगे और दोषियों की धर पकड़ करेंगे.
इस समय संघ लोक सेवा आयोग में लैटरल एंट्री के जरिए नियुक्ति का विधान बनाए जाने को लेकर पूर्वांचल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तथा गृह मंत्री को पत्र लिखकर बताया है कि
“लिटरल अपॉइंटमेंट संविधान की हत्या है. यह संविधान में दिए गए अवसर की समानता तथा वस्तुनिष्ठ चयन प्रक्रिया की भी हत्या है.”
समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों को आरक्षण के माध्यम से विकास की मुख्य धारा में लाने के साथ समानता स्थापित करने का मौलिक इंस्ट्रूमेंट है.
संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में यह साफ प्रतिबिम्बत होता है. ऐसे में लिटरल एंट्री के आधार पर रिजर्वेशन प्रणाली को भी खुली चुनौती दी गई है.
वास्तविकता तो यह है कि इस तरह की चयन प्रक्रिया अवैज्ञानिक और असंवैधानिक है. ऐसे में लिटरल अप्वाइंटमेंट्स को शीघ्र समाप्त कर दिया जाना चाहिए.
आपको यहां याद दिलाते चलें कि जब स्थानीय प्रशासन द्वारा पूर्वांचल गांधी को कोई सुरक्षा नहीं मुहैया कराई गई तो थक हार कर उन्होंने राष्ट्रपति तथा गृह मंत्री को भी पत्र लिखकर सुरक्षा उपलब्ध कराने की अपील किया है.