- सत्य, अहिंसा की पूरी ताकत से यह कहना चाहता हूं कि या तो मंगेश को जीवित करें या STF भंग कर दें: पूर्वांचल गाँधी
Gorakhpur: जीवन और जन मुद्दों से जुड़े विषयों पर तीखी प्रतिक्रिया देने वाले पूर्वांचल गाँधी डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्य नाथ को पत्र लिखकर पूछा है कि
मंगेश की मां को उसका बेटा कौन देगा? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री देंगे या STF की वह टीम देगी जिसका नेतृत्व डिप्टी एसपी डी के शाही कर रहे थे.’
यही प्रश्न ‘परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय’ जिसकी नजरों के सामने “हत्यारा STF” चल रहा है, से भी किया है. इन्होंने कहा कि यदि यह मान भी लिया जाय कि
“20 वर्षीय निर्धन मंगेश स्वर्ण व्यवसायी के यहां सोना लूट में शामिल था तो क्या ‘कानून’ एवं न्याय’ मंगेश की हत्या की अनुमति देता है?”
समाचारों में उसकी बहन का रुदन देखकर मेरा कलेजा फट गया. वह रोते-बिलखते बार-बार कह रही थी कि लूट के दिन भाई मेरे स्कूल गया था.
2 तारीख को पुलिस उसे घर से ले गई थी पूछताछ के लिए-फिर STF ने उसकी हत्या क्यों कर दी? यह सवाल मैं किससे पूछू? मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं क्या उसे जिंदा कर सकते हैं? क्या उसकी मां को मंगेश वापस कर सकते हैं?
किंवदंतियों के अनुसार ‘योगी गोरख मरे हुए को जिंदा कर देते थे’ क्या योगी आदित्यनाथ ऐसा कर सकते हैं? नहीं कर सकते तो मुठभेड़ एवं हत्या की पर्याय STF ने मंगेश की हत्या क्यों किया?
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डॉ मल्ल ने कहा कि संविधान एवं कानून में STF ‘एनकाउंटर का उल्लेख’ नहीं है. बल्कि एनकाउंटर स्वतः एक अपराध है.
भविष्य में STF किसी मां से उसका मंगेश न छीन ले, इसे समाप्त कर दीजिय. अपराध एवं अपराधियों को समाप्त करने की आड़ में STF, एनकाउंटर और हत्या जैसे आपराधिक काम कर रहा है.
माफिया गैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला की हत्या के लिए मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के आदेश पर 1998 में STF गठित की गई थी. श्री प्रकाश शुक्ला का एन्काउन्टर 22 सितम्बर, 1998 को गाजियाबाद में पुलिस द्वारा किया गया था.
बाद STF को तोड़ने या जारी रखने’ का सवाल खड़ा हुआ तो मुख्यमंत्री कल्याण सिंह नें इसे जारी रखने का हुक्म दिया. बस तभी से मुख्यमंत्री के आदेश एवं मर्जी से मुठभेड़ और हत्या का विभाग STF चलने लगा.
पूर्वांचल गाँधी का कहना है कि STF का इस्तेमाल “कुर्सी एवं वर्चस्व के इंस्ट्रूमेंट” के रूप में हो रहा है, ‘अपराध नियंत्रण’ से इसका कोई रिश्ता नहीं है.
ऐसे में असंवैधानिक, गैरकानूनी STF तत्काल तोड़ा जाए, यदि ऐसा नहीं हुआ तो 2 अक्टू गांधी प्रतिमा GPO लखनऊ में सत्याग्रह करूँगा.
इन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि-मुख्यमंत्री जी क्या बुद्ध, भगत सिंह, बिस्मिल, गांधी, अंबेडकर, कलाम के इस महान मुल्क में अपराध समाप्त करने का यही रास्ता है?
क्या STF शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार बांट रही है? जैसे ‘आग’ को ‘आग’ से नहीं बुझाया जा सकता वैसे ही ‘अपराध’ को ‘अपराध’ से नहीं मिटाया जा सकता है.
इसे शिक्षा (सबको न्यूनतम स्नातक), चिकित्सा एवं रेल एक समान, शुल्क रहित करके एवं सभी बेरोजगारों को रोजगार देकर समाप्त किया जा सकता है.
बता दें कि पत्र की इस प्रति को राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, गृह मंत्री, राज्यपाल उत्तर प्रदेश, गृह सचिव, डीजीपी उत्तर प्रदेश, आयुक्त जिलाधिकारी, एडीजी, डीआईजी, एसएसपी गोरखपुर को भी भेजी गई है.