BY-THE FIRE TEAM
प्राप्त जानकारी के अनुसार हारवर्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल की प्रोफ़ेसर गीता गोपीनाथ को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) का प्रमुख अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया है. निश्चित तौर पर भारत के लिए यह गौरव का विषय है.
वर्तमान में गोपीनाथ अमेरिकन इकॉनमिक रिव्यू की सह संपादक और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकॉनमिक रिसर्च की सह निर्देशक हैं. गोपीनाथ के पास फिलहाल अमेरिका की नागरिकता है.
उन्होंने इंटरनेशनल फ़ाइनेंस और मैक्रोइकनॉमिक्स में रिसर्च की है.
आईएमएफ़ की प्रमुख क्रिस्टीन लगार्डे ने सोमवार को गीता गोपीनाथ की नियुक्ति की जानकारी देते हुए कहा, ”गीता दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक हैं. उनके पास शानदार अकादमिक ज्ञान, बौद्धिक क्षमता और व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव है.”
IMF Managing Director Christine @Lagarde appoints Harvard’s Gita Gopinath as IMF Chief Economist, replacing Maury Obstfeld who will retire from IMF in December. https://t.co/M6UV5qH714 pic.twitter.com/k16ztkYIwi
— IMF (@IMFNews) October 1, 2018
आपको बता दे कि आईएमएफ़ में इस पद पर पहुंचने वाली गीता दूसरी भारतीय हैं. उनसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ़ में प्रमुख अर्थशास्त्री रह चुके हैं.
कौन हैं गीता गोपीनाथ ?
गीता का जन्म मैसूर में 8 दिसंबर , 1971 को हुआ. किन्तु इनका पालन पोषण केरल में हुआ, इनको सम्मान देते हुए केरल सरकार ने गीता को पिछले साल राज्य का वित्तीय सलाहकार नियुक्त किया था.
गीता ने व्यापार और निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज़ और उभरते बाज़ार की समस्याओं पर लगभग 40 रिसर्च लेख लिखे हैं.
गीता साल 2001 से 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर थीं. इसके बाद साल 2005 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई.
साल 2010 में गीता इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर बनीं और फिर 2015 में वे इंटरनेशनल स्टडीज़ एंड ऑफ़ इकनॉमिक्स की प्रोफ़ेसर बन गईं.
गीता ने ग्रेजुएशन तक की शिक्षा भारत में पूरी की तथा साल 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की.
इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में हीमास्टर डिग्री पूरी की. साल 1994 में गीता वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं.
साल 1996 से 2001 तक उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी पूरी की.