BY–Rajeev Yadav
संघ का शस्त्र पूजन परंपरा का हिस्सा नहीं, अमन-चैन के लिए खतरा
इलाहाबाद का नाम बदलना आस्था नहीं बल्कि राजनीति – सृजनयोगी आदियोग
योगी जाएंगे गुजरात तो होगा यूपी-बिहार की जनता का अपमान
लखनऊ 15 अक्टूबर 2018।
सूबे के हालात को लेकर लोहिया मजदूर भवन, लखनऊ में सामाजिक-राजनीतिक नेताओं की बैठक हुई। पिछले एक हफ्ते से प्रदेश में आई सांप्रदायिक घटनाओं की बाढ़ पर अंकुश लगाने और खासकर आगामी 19 अक्टूबर को दशहरे के मौके पर विशेष सतर्कता बरते जाने की प्रदेश सरकार से मांग की।
रिहाई मंच अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा विजयादशमी के मौके पर भारत-पाक सीमा पर शस्त्र पूजा करने को देश को युद्धोन्माद में झोंकने की तैयारी बताया। इसी तरह आरएसएस ने व्यापक स्तर पर शस्त्र पूजा किए जाने का फैसला किया है जो कि परंपरा का हिस्सा नहीं है।
सूबे और देश में बढ़ रहे हिंसक माहौल को देखते हुए यह आयोजन अमन-चैन के लिए खतरा बन सकता है। याद रहे कि उसी दिन जुमा भी है। उन्होंने कहा कि त्योहारों के मौके पर सांप्रदायिक तत्व सक्रिय हैं।
पिछले हफ्तेभर से बलिया, बहराइच, महराजगंज, हाथरस, पीलीभीत, टुंडला आदि में जहां सांप्रदायिक तनाव तो वहीं जौनपुर और बाराबंकी में धर्मांतरण के नाम पर हमले हुए।
मुहम्मद शुऐब ने कहा कि मन्नान वानी की मौत के बाद जिस तरीके से एएमयू के कश्मीरी छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा लगाया गया है उससे साफ है कि एएमयू सरकारी हमले की जद में है। कश्मीरी और मुस्लिम के नाम पर राजनीति न की जाए।
सृजनयोगी आदियोग ने कहा कि राजधानी में एप्पल के कर्मचारी की हत्या पुलिस कर्मी द्वारा कर दी जाती है तो वहीं सूबे में पिछले 15 दिन में पुलिस कर्मियों की आत्महत्या के कई मामले प्रकाश में आए हैं।
यह हिंसक प्रवृत्ति व्यवस्था जन्य है। इसके खिलाफ आम नागरिकों को सामने आना होगा। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलना कोई आस्था का सवाल नहीं बल्कि राजनीति है और इसका मकसद ऐतिहासिक शहर की पहचान को मटियामेट कर देना है।
रिहाई मंच नेता राॅबिन वर्मा ने कहा कि गुजरात से यूपी-बिहार के लोगों का पलायन क्षेत्रीय आधार पर जारी भेदभाव और हिंसा के अलावां रोजगार के संकट को भी दर्षाता है।
गुजरात के सीएम विजय रुपाणी किस मुंह से यूपी आकर स्टेच्यू आॅफ यूनिटी के अनावरण कार्यक्रम में यूपी सीएम को आने की दावत देते हैं। योगी आदित्यनाथ द्वारा इसे कबूलना यूपी-बिहार की जनता का अपमान है।
छात्रनेता ज्योति राय और सचेन्द्र प्रताप यादव ने कहा कि बीएचयू में छात्राओं के आंदोलन के एक साल पर कार्यक्रम को रोका गया तो वहीं इलाहाबाद छात्रसंघ चुनाव के बाद हाॅस्टल में एबीवीपी के गुण्डों द्वारा आगजनी की गई। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। इसके खिलाफ चल रहे संघर्ष में हम सबको एक साथ आना होगा।
बैठक में सूबे में बढ़ रही महिला हिंसा, आगरा में किसानों पर लाठी चार्ज, अंबेडकर प्रतिमाओं के तोड़े जाने, बहराइच में आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या, रोहिंग्या के नाम पर गिरफ्तारी, गौकशी के नाम पर तनाव जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में तय किया गया कि इन सवालों को लेकर जनअभियान चलाते हुए राजधानी में सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
बैठक में भारत बंद के दौरान गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता बांकेलाल यादव, यादव सेना के अध्यक्ष शिव कुमार यादव, भागीदारी आंदोलन के महासचिव पीसी कुरील, इंडियन वर्कर्स काउंसिल के नेता ओपी सिन्हा, पिछड़ा महासभा के अध्यक्ष एहसानुल हक मलिक, अयान, आजाद शेखर, मुहम्मद इशहाक, शकील अहमद, मंजूर अली, एके श्रीवास्तव, मोहम्मद बिलाल, राजीव यादव आदि शामिल थे।
द्वारा जारी
राजीव यादव
(रिहाई मंच)