444 साल पहले मुगलों ने इस शहर को इलाहाबाद दिया था नाम,अब हुआ प्रयागराज

BY-THE FIRE TEAM

योगी सरकार की कैबिनेट की मंजूरी के साथ ही अब गंगा-यमुना की संगम नगरी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले शनिवार कहा था कि मार्गदर्शक मंडल की बैठक में हर तबके खासकर अखाड़ा परिषद, प्रबुद्ध वर्ग से एक प्रस्ताव आया है कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया जाए.

उन्होंने कहा कि सिर्फ वह ही नहीं, बल्कि समूचे इलाहाबाद की जनता, साधु और संत चाहते थे कि इलाहाबाद को प्रयागराज के नाम से जाना जाए .दो दिन पहले जब मुख्यमंत्री ने कुंभ से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता की थी,

तो उन्होंने खुद ही प्रस्ताव किया था कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया जाना चाहिए. सभी साधु संतों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर मुहर लगायी थी.

जिसके बाद राज्य सरकार ने नाम बदलने की अधिसूचना जारी कर दी है. पुराणों के अनुसार इलाहाबाद का पहले नाम प्रयागराज ही था. मुगलों ने अपने शासन के दौरान इसका नाम बदलकर इलाहाबाद किया था.

आइए जानते हैं इस शहर की  खास बातें…

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रामचरित मानस में इस शहर को प्रयागराज कहा गया है. जिसका अब नाम इलाहाबाद है. जंगल जाते वक्त भगवान श्री राम प्रयाग में भारद्वाज ऋषि के आश्रम पर होते हुए गए थे.

जब श्री राम पहुंचे तो प्रयागराज का वर्णन हुआ. मत्स्य पुराण में भी इसका वर्णन है, उसमें लिखा गया है कि प्रयाग प्रजापति का क्षेत्र है जहां गंगा और यमुना बहती है. इसलिए उसका नाम प्रयागराज पड़ा था.

मुगलकालीन कई किताबों में इस शहर का वर्णन किया गया है. अकबर ने करीब 1574 में इस शहर में किले की नींव रही थी. जिसके बाद नया शहर बसाया और नाम इलाहाबाद रखा गया. इससे पहले इस शहर को प्रयागराज के नाम से ही जाना जाता था.
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आपको बताते चलें कि कई सालों से शहर का नाम बदलकर प्रयागराज करने की मांग उठ रही थी. पिछले साल योगी सरकार के आने के बाद वादा किया गया कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया जाएगा.
जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी घोषणा की है.
नाम बदलने पर विरोधी पार्टियां काफी नाराज नजर आ रही हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे परंपरा और आस्था के साथ खिलवाड़ करार दिया.
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रयाग कुंभ का नाम केवल प्रयागराज किया जाना और अर्द्धकुंभ का नाम बदलकर ‘कुंभ’ किया जाना परंपरा और आस्था के साथ खिलवाड़ है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शनिवार को इलाहाबाद में कहा था कि कुंभ मेले से पहले संगम नगरी का नाम बदलकर प्रयागराज करने का प्रस्ताव है.
राज्यपाल (राम नाईक) ने इसके लिए पहले ही अनुमोदन दे दिया है. अगर आम राय बनी तो इलाहाबाद का नाम जल्द ही बदलेगा. आज यानी 16 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर नाम बदल दिया गया.
ईस्ट का ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय यहीं स्थित है. किसी दौर में यहाँ पढ़ने वाला विद्यार्थी अपने को धन्य समझता था.आपको बताते चलें कि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत, फ़िराक़ गोरखपुरी आदि साहित्य के बड़े सितारे यहीं के उत्पाद रहे हैं.
ब्रिटिश काल में इलाहाबाद क्रांतिकारियों की भूमि रहा है. चंद्रशेखर आजाद को कैसे भुलाया जा सकता है ? इसी तरह लियाकत अली ने १८५७ के विद्रोह का नेतृत्व दिया तथा अंग्रेजों कड़ी चुनौती दी.

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