BY–RAVISH KUMAR
- अब समझा रफाल विमान सौदे पर प्रधानमंत्री क्यों चुप हैं? कहीं मां अम्बे के आशीर्वाद से सच निकल गया तो अंबानी जी मानहानि न कर दें. अनिल अंबानी की मानहानि न हो इसलिए प्रधानमंत्री तमाम आरोप झेल गए मगर एक शब्द नहीं बोले. इंतज़ार कर रहे होंगे कि एक ही झोंके में कई चुनाव जीत जाएं फिर जयकारे के बीच हुंकार भर कर निकल जाएंगे. कह देंगे कि जनता ने बोल दिया, हम क्या बोलें. पूरी सरकार ने जिस तरह से अनिल अंबानी के मान सम्मान में दिन रात एक किया है मेरी राय में अंबानी जी को मानहानि में से कुछ हिस्सा सरकार को भी देना चाहिए. अगर वे मानहानि की सारी राशि दान कर दें तो सरकार का वित्तीय घाटा भी कम हो जाएगा. जेटली जी भी ख़ुश.
- जिस तरह अनिल अंबानी जी ने मानहानि की झड़ियां लगा दीं लगता है चीन से फुलझड़ियां मंगा ली हैं. ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर में महान मैकॉले ने मानहानि का प्रारूप तैयार किया था जो कंपनी राज के ख़ात्मे के बाद विक्टोरिया महारानी के राज में भारतीय दंड संहिता का हिस्सा हो गया. ईस्ट इंडिया कंपनी और अंग्रेज़ी हुकूमत ने मानहानि के ज़रिये हमारे नेताओं से कितना कमाया इसकी जानकारी मुझे नहीं है. लेकिन बात-बात में नाम बदल कर इतिहास सही करने के इस दौर में किसी को ईस्ट इंडिया कंपनी के इस इतिहास से दिक्कत नहीं है. मानहानि ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश राज की याद ताज़ा करती है.
- मीडिया में मानहानि की रिपोर्टिंग देख रहा था. लगा कि अनिल अंबानी जी का सारा ध्यान मानहानि का दावा करने में ही लगा है. वे काफ़ी गुस्से में हैं. इतना अपमान तो हज़ारों करोड़ का लोन न चुकाने और अपनी कंपनी के संकट से भी नहीं हुआ होगा. टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि पंद्रह मीडिया संस्थानों पर मानहानि का मुक़दमा कर दिया गया है. इसमें अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मीडिया संस्थान हैं. कई पत्रकारों को भी नोटिस भेजने की ख़बर पढ़ी है. कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के नेताओं को भी मानहानि का नोटिस भेजा है.
- एनडीटीवी पर ही दस हज़ार करोड़ का दावा ठोंक दिया है. नेशनल हेराल्ड पर पांच हज़ार करोड़ का दावा है. आप नेता संजय सिंह पर पांच हज़ार करोड़, अभिषेक मनु सिंघवी, सुरजेवाला और प्रियंका चतुर्वेदी पर पांच-पांच हज़ार करोड़, संजय निरुपम पर अन्य मामले में एक हज़ार करोड़ की मानहानि का दावा है. इसी को जोड़ लें तो 36000 करोड़ हो जाता है. मानहानि के सभी दावों का हिसाब तो नहीं है लेकिन अंदाज़ा होता है कि अनिल अंबानी की मानहानि रफाल सौदे की कुल राशि से भी ज़्यादा है.
- मोदी जी को सौदा रद्द कर अंबानी जी के साथ ऑफ़सेट क़रार कर लेना चाहिए. उनकी मानहानि से जो कमाई होगी उतने में रफाल कंपनी ही ख़रीद ला सकते हैं! मोदी जी मानहानि को उद्योग का दर्जा दे सकते हैं. तुरंत मानहानि मंत्रालय बना सकते हैं. अगर बेरोज़गार अपने सम्मान के लिए सरकार पर मानहानि कर दें और सरकार बेरोज़गारों पर मानहानि कर दे तो भारत में मानहानि- मानहानि का मैच चलने लगेगा.
- अनिल अंबानी ने एनडीटीवी पर दस हज़ार करोड़ की मानहानि का दावा किया है. एनडीटीवी ने भी जवाब दिया है कि रफाल मामले में ट्रूर्थ वर्सेज़ हाइप में चर्चा के लिए उनका पक्ष मांगा गया था. दास्सो एविएशन का भी खंडन चला था. बहस संतुलित थी. आप पूरा बयान एनडीटीवी की साइट पर पढ़ सकते हैं. हम यहां लिंक दे रहे हैं. क्लिक करें
- वैसे मोदी जी के मंत्री भी मानहानि का सहारा लेते हैं. आप नेताओं की हालत ख़राब करवा दी. माफ़ी मांगनी पड़ी. इससे तो अच्छा है कि सारे वकीलों को लेकर अखिल भारतीय मानहानि पार्टी ही बना देता हूं. अगर आप लोग मुझे कुछ चुनाव-सुनाव जीतवा दें तो मैं मानहानि को मौलिक अधिकार में जुड़वा दूंगा. स्कूलों में मानहानि का एक पीरियड होगा जिसमें छात्र अपने पॉकेट मनी से मानहानि-मानहानि खेलेंगे.
- मैं कब से सवा रुपये की मानहानि की मांग कर रहा हूं. एक मान और एक मानहानि का नारा रहेगा. भारत के सभी नागरिकों का मान एक समान होगा. अंबानी हो या मलकानी सबकी मानहानि एक समान. सवा रुपये की मानहानि. मेरा नारा होगा- सवा रुपये का हो मान, मांग रहा है हिन्दुस्तान.
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