BY-बृजेश यादव बागी
- दलित अल्पसंख्यक एकता मंच एक सामाजिक मंच है जिसका संबंध किसी भी राजनैतिक पार्टी से नहीं है। कुछ संगठन इससे अपना संबंध बता रहे हैं, तो यहां यह स्पष्ट किया जा रहा है कि दलित अल्पसंख्यक एकता मंच दलितों पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए संघर्ष करता है और करता रहेगा। जो लोग अपने निजी लाभ हेतु इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह संगठन इस बात का खण्डन करता है।
- यह घटना कांग्रेस पार्टी द्वारा कुछ लोगों को ऐसे ही काम में लगा कर किया जा रहा है जिसमें मेरे जैसे नौजवानों को झूठ बोल कर पार्टी दफ्तर लखनऊ तक ले जाया जाता है और सदस्यता लेने का दबाव बनाया जाता है।
- पिछले दिनों कुछ लोगों द्वारा खुद को रिहाई मंच से जुड़ा बताते हुए मुझे और मेरे साथियों को हमारे संगठन के सवालों पर चर्चा के लिए श्री राजबब्बर से मिलने को कहा गया जिस पर हम लोग तैयार हो गए और बलिया से लखनऊ पहुंचे जहां अपने सवालों के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजबब्बर से मुलाकात करने की बात की।
- जहां हम पर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लेने का दबाव डाला गया जिसमे श्री राजबब्बर द्वारा लगातार यह बोला गया कि रिहाई मंच ने जबसे कांग्रेस में विलय कर लिया है तब से कांग्रेस की ताकत लगातार बढ़ रही है और रोज़ रिहाई मंच के लोग कांग्रेस के साथ जुड़ रहे हैं। रिहाई मंच के सभी लोग कांग्रेस में आ चुके हैं जिसके लिए मैं रिहाई मंच को धन्यवाद देता हूँ।
- जब हमने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता लेने से इनकार कर दिया तो श्री राजबब्बर द्वारा कहा गया कि रिहाई मंच आज भी है और पार्टी में भी है और रिहाई मंच वाले हो कांग्रेस के सदस्य हो जाओगे तो पार्टी मज़बूत हो जाएगी और संगठन में काम करने का इनाम भी मिलता है। उनके द्वार बार-बार रिहाई मंच का नाम लेकर हमारे ऊपर दबाव डाला गया कि पार्टी की सदस्यता ले लो।
- आप सभी के बीच इसलिए मुझे आना पड़ा क्योंकि इस गंदी राजनीति का शिकार मेरे जैसे नौजवानों को लगातार बनाया जा रहा है।
- जिससे सामाजिक संगठनों के ऊपर प्रश्नचिन्ह लग रहा है एवं मेरे जैसे नौजवानों को समाज में स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है।हम लोग सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं और ये संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। हमारा संबंध ऐसे किसी भी राजनीतिक दल के साथ नहीं है।
लेखक-बृजेश यादव बागी
राष्ट्रीय संयोजक (IPS)
राष्ट्रीय प्रवक्ता (दलित अल्पसंख्यक एकता मंच)