BY–THE FIRE TEAM
समझा जाता है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कथित लाभ के पद को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के 27 विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य करार देने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। शहर के कई अस्पतालों से जुड़ी रोगी कल्याण समितियों के प्रमुखों के रूप में नियुक्ति के बाद विधायकों पर लाभ के पद पर होने का आरोप लगा था।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की राय के आधार पर याचिका खारिज करने के आदेश पर हस्ताक्षर किये।
चुनाव आयोग ने याचिका को विचारयोग्य नहीं पाया था।
इस तरह की याचिकाएं राष्ट्रपति के पास भेजी जाती हैं जो उन्हें चुनाव आयोग के पास भेज देते हैं। इसके बाद आयोग अपनी राय देता है जिसके आधार पर राष्ट्रपति आदेश जारी करते हैं।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 26 अप्रैल को जारी किए गए एक आदेश के मुताबिक रोगी कल्याण समितियां परामर्श देने का काम करती हैं जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं, रणनीतियां बनाने आदि में मदद मिलेगी।
इसमें कहा गया है कि हर ‘एसेंबली रोगी कल्याण समिति’ को अनुदान के तौर पर सालाना तीन लाख रुपये मुहैया कराए जाएंगे।