BY-THE FIRE TEAM
तीन दिवसीय किसान स्वराज सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रख्यात पत्रकार व किसानों के मुद्दों को लेकर मुखर रहने वाले पी. साईंनाथ ने अहमदाबाद में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली NDA सरकार की फसल बीमा योजना राफेल से बड़ा घोटाला है,
साईंनाथ ने कहा, “वर्तमान सरकार की नीति किसान विरोधी है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राफेल घोटाले से भी बड़ा गोरखधंधा है. रिलायंस, एस्सार, जैसी चुनींदा कंपनियों को फसल बीमा प्रदान करने का काम सौंपा गया है.”
महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए साईंनाथ ने कहा, “2.80 लाख किसानों ने सोयाबीन की खेती की. एक जिले में किसानों ने 19.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया. राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने 77-77 करोड़ रुपये का भुगतान किया. कुल राशि 173 करोड़ रुपये हुई जो रिलायंस बीमा को भुगतान किया गया”.
उन्होंने कहा, “पूरी फसल खराब हो गई और बीमा कंपनी ने दावों का भुगतान किया. रिलायंस ने एक जिले में 30 करोड़ रुपये का भुगतान किया और उसे शुद्ध लाभ 143 करोड़ रुपये हुआ, जबकि उसका निवेश एक भी रुपया नहीं था”.
फसल बीमा योजना क्या है ?
हर साल किसानों को प्राकृतिक आपदा- बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ता है. इसके कारण उनकी फसल खराब हो जाती है. अतः उन्हें ऐसे संकट से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 13 जनवरी 2016 को शुरू किया.
इसके तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
इसमें शामिल किये गये मुख्य तथ्य निम्नलिखित हैं:
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भुगतान की जाने वाली प्रीमियम (किस्तों) दरों को किसानों की सुविधा के लिये बहुत कम रखा गया है ताकि सभी स्तर के किसान आसानी से फसल बीमा का लाभ ले सकें.
- सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है. यदि बचा हुआ प्रीमियम 90% होता है तो ये सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.
- शेष प्रीमियम बीमा कम्पनियों को सरकार द्वारा दिया जायेगा। ये राज्य तथा केन्द्रीय सरकार में बराबर-बराबर बाँटा जायेगा.
- ये योजना राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एन.ए.आई.एस.) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एम.एन.ए.आई.एस.) का स्थान लेती है.
- इसकी प्रीमियम दर एन.ए.आई.एस. और एम.एन.ए.आई.एस. दोनों योजनाओं से बहुत कम है साथ ही इन दोनों योजनाओं की तुलना में पूरी बीमा राशि को कवर करती है.
- प्रधानमंत्री फसल योजना के अन्तर्गत आने वाले 3 सालों के अन्तर्गत सरकार द्वारा 8,800 करोड़ खर्च करने के साथ ही 50% किसानों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है.
- मनुष्य द्वारा निर्मित आपदाओं जैसे; आग लगना, चोरी होना, सेंध लगना आदि को इस योजना के अन्तर्गत शामिल नहीं किया जाता है.
- यह बीमा योजना ‘एक राष्ट्र एक योजना’ विषय पर आधारित है. ये पुरानी योजनाओं की सभी अच्छाईयों को धारण करते हुये उन योजनाओं की कमियों और बुराईयों को दूर करता है.