हिमाचल का एक ऐसा गांव जहां आज भी मिट्टी के बने हैं सारे घर


BYसुशील भीमटा


 

सुशील भीमटा

सदियों से इन आशियानों में महफूज हैं लोग

कुल्लू: बर्फीले रेगिस्तान में एक गांव ऐसा भी है, जिसमें सभी घर मिट्टी के बने हुए हैं। समुद्र तल से 4850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित किब्बर गांव में प्रकृति की अपार सुंदरता देखने को मिलती है। देश-विदेश से लोग यहां प्राकृतिक सुंदरता को देखने पहुंचते हैं।

जिला लाहौल स्पीति की स्पीति घाटी में बसे इस गांव में आज भी अगर लोग घर बनाते हैं तो वे भी मिट्टी के होते हैं। स्पीति घाटी के इस गांव में सर्दियों में तापमान -25 डिग्री तक चला जाता है और ऐसे में यहां रहने वाले लोगों का बचाव इस खून जमा देने वाली ठंड से यही मिट्टी के  पुश्तैनी घर करते हैं।

इसके अलावा करीब एक हजार साल से भी अधिक पुराने ताबो गोंपा को भी मिट्टी से बनाया गया है। जो आज भी सही सलामत है।

स्पीति घाटी के इस गांव में सभी घर मिट्टी से इस कदर सुंदर बनाए गए हैं कि इन्हें देख मानो ऐसा एहसास होता है कि यहां पर किसी ने दूसरी दुनिया बसाई हो। किब्बर को दुनिया का सबसे ऊंचा गांव माना जाता है। समुद्र तल से 4850 मीटर की ऊंचाई पर बसा यह गांव हिमाचल प्रदेश के स्पीति घाटी में है।

शिमला से तकरीबन 430 किलोमीटर दूर किब्बर गांव में कई बौद्ध मठ हैं। किब्बर में बनी मोनेस्ट्री सबसे ऊंचाई पर बनी है। यहां के रास्ते में जगह-जगह आपको बर्फ जमी मिलेगी। सैलानी यहां की प्राकृतिक छटा, अनूठी संस्कृति, निराली परंपराओं और बौद्ध मठों के बीच खुद को एक नई दुनिया में पाते हैं।

किब्बर गांव में 100 से अधिक घर हैं। सभी घर सफेद रंग के हैं। किब्बर गांव में रात में रुकने का अलग अनुभव है। यहां रात में तारे इतने नजदीक दिखते हैं कि लगता है कि कुछ ही ऊंचाई पर स्थित इन तारों को हाथ बढ़ाकर छू सकते हैं। स्पीति घाटी के इस अनोखे गांव को देखने के लिए आज भी सैलानियों की खासी भीड़ यहां अराम से देखी जा सकती है।

किब्बर गांव में बने मिट्टी के घर-

स्थानीय निवासी छेरिंग, तनडुप का कहना है कि गांव के सभी घर शुद्ध मिट्टी के बने हैं। उनका कहना है कि इस गांव में इन घरों को बनाने के पीछे का राज यही है कि ये घर सर्दियों में गर्म और गर्मियों में भी ठंडे होते हैं। यह इतने मजबूत हैं कि आज तक उन्होंने गांव का कोई भी घर गिरते हुए नहीं देखा है। छेरिंग का कहना है कि घाटी में इस गांव में अब जो नए होटल या गेस्ट हाउस बन रहे हैं, उन्हें जरूर कंकरीट से तैयार किया जा रहा है, लेकिन गांव के बाकी घर मिट्टी के ही हैं जो सदियों से लोगों को सर्दी से बचा रहे हैं।

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!