BY- अनिन्द्र सिंह नौटी
हिमाचल प्रदेश: स्वदेश दर्शन योजना के तहत प्रदेश को केंद्र सरकार से हर साल 100 करोड़ रुपए मिलते हैं लेकिन इस बजट में से सिरमौर जिला को एक पैसा भी नहीं मिल पाता क्योंकि अभी तक पर्यटन का कोई सर्किट जिला में नहीं बन पाया है।
इस बार के बजट में भी इस योजना के तहत केंद्र सरकार 100 करोड़ रुपए प्रदेश को देगी लेकिन जिला सिरमौर में इसके लिए बजट मिलने की संभावना इस बार भी शून्य ही लग रही है।
जानकार मानते हैं कि जब तक सिरमौर जिला में धार्मिक पर्यटन का कोई सर्किट घोषित नहीं होगा तब तक इस बजट से जिला महरूम ही रहेगा। जानकारी के मुताबिक उक्त योजना के तहत हिमाचल सरकार केंद्र सरकार को 100 करोड़ रुपए का प्रपोजल भेजती है, इस बार भी भेजा गया है और प्रदेश को 100 करोड रुपए स्वदेश दर्शन योजना के तहत मिले भी लेकिन जब तक सिरमौर में पर्यटन सर्किट नहीं बनेगा तब तक सिरमौर जिला में यह राशि नहीं आ पाएगी।
सिरमौर में भी कई धार्मिक पर्यटन स्थल हैं। यदि सिरमौर जिला में कोई पर्यटन सर्किट बनाया गया होता तो आज स्वदेश दर्शन योजना का लाभ इस जिले को मिल जाता लेकिन यहां कोई पर्यटन सर्किट नहीं बनाया गया है।
सिरमौर जिला तो आज भी विकास के मामले में प्रदेश में 11वें स्थान पर है जबकि इस जिला से मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री व सीपीएस सरकार में रहे। इस जिले में पांवटा साहिब प्रदेश का सबसे बड़ा ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। यहां पर भगानी साहिब गुरुद्वारा है।
इसके अलावा सिरमौर जिला के रेणुका जी में प्राकृतिक मानवाकार झील व हरिपुरधार में भवानी माता का मंदिर है तथा त्रिलोकपुर में एक भव्य मंदिर। इसके अलावा सिरमौर और शिमला जिला की सीमा पर प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़ाधार में महादेव का मंदिर है फिर भी आज तक धार्मिक पर्यटन का सर्किट नहीं बनाया गया।
जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष इस योजना के तहत प्रदेश को 100 करोड़ पर मिला था जिसमें से एक रुपया भी सिरमौर जिला के नाम नहीं आया। इस बजट से नादौन, कांगड़ा, चंबा, सोलन, शिमला व किन्नौर आदि में पर्यटन के ढांचागत विकास को सुदृढ़ करने के लिए कार्य हुए।
पांवटा की ब्लूप्रिंट विजन कमेटी के अध्यक्ष व व्यापार मंडल पांवटा के प्रधान अनिन्द्र सिंह नौटी का कहना है कि जिस प्रकार बुद्धा टूरिस्ट सर्किट 3 राज्यों पंजाब के किरतपुर से हिमाचल के मनाली और जेएंडके के लद्दाख तक बना हुआ है उसी तर्ज पर श्री गुरु गोविंद सिंह जी धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाया जाना चाहिए।
यह सर्किट हरियाणा के टोका साहिब गुरुद्वारे से लेकर हिमाचल के सिरमौर जिला के नाहन, पांवटा साहिब, तीरगढ़ी साहिब और भंगानी साहिब तक बनना चाहिए। इसके लिए प्रदेश सरकार को केंद्र के लिए एक प्रपोजल भेजना चाहिए तभी जिला सिरमौर को स्वदेश दर्शन योजना का लाभ मिल सकता है।
इसके अलावा भी मां रेणुका जी धार्मिक पर्यटन सर्किट भी बनाया जा सकता है साथ ही चूड़ेश्वर धार्मिक पर्यटन सर्किट भी जिला के विकास को चार चांद लगा सकता है। जिसमें जिला सहित अन्य प्रदेश के भोले बाबा के अहम मंदिरों को जोड़ा जा सकता है इससे जिले का विकास होगा और पर्यटक जिले में आकर धार्मिक स्थलों के बेहतरीन दर्शन कर सकेंगे इसके लिए ब्लूप्रिंट विजन कमेटी ने सरकार को अपना सुझाव भी भेजा है।