BY-THE FIRE TEAM
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफ़रीदी ने कश्मीर मसले पर टिप्पणी करके विवाद को जन्म दे दिया है. उन्होंने कश्मीर को भारत या पाकिस्तान के अधीन रखने के बजाय एक अलग मुल्क़ बनाने की वक़ालत की है.
ब्रिटिश संसद में छात्रों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं कहता हूं कि चलो पाकिस्तान को नहीं चाहिए कश्मीर. भारत को भी न दो. कश्मीर अपना एक मुल्क़ बने.
कम से कम इंसानियत तो ज़िंदा रहे. जो लोग मर रहे हैं वो तो ना हो यार. नहीं चाहिए पाकिस्तान को. पाकिस्तान से ये चार सूबे नहीं संभल रहे.”
“जो वहां पर लोग मर रहे हैं, तक़लीफ़ होती है. कहीं पर भी इंसान मरता है, चाहे वह किसी भी मज़हब का हो, तक़लीफ़ होती है.”
बात तो ठीक कही: राजनाथ
उनका इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जाने लगा. इस बयान को भारतीय मीडिया के कुछ हिस्सों में इस तरह पेश किया गया कि अफ़रीदी यह कहना चाह रहे थे कि पाकिस्तान को कश्मीर पर हक़ जताना छोड़ देना चाहिए.
यहां तक कि भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह से जब पत्रकारों ने इस बारे में पूछा तो उन्होंने भी अफ़रीदी के बयान के सिर्फ़ उस हिस्से पर टिप्पणी दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान अपने चार सूबों को नहीं संभाल पा रहा.
छत्तीसगढ़ में मौजूद राजनाथ सिंह से जब पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने कहा, “बात तो ठीक कही उन्होंने. वो पाकिस्तान नहीं संभाल पा रहे हैं, कश्मीर क्या संभालेंगे. कश्मीर के बारे में कोई सवाल ही नहीं है. कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा.”
अफ़रीदी की सफ़ाई, ‘कश्मीर पाकिस्तान का‘
लेकिन शाहिद अफ़रीदी ने ट्वीट करके भारतीय मीडिया पर अपने बयान को ग़लत तरीक़े से पेश करने का आरोप लगाया.
उन्होंने इन ट्वीट्स में कहा, “मेरी क्लिप अधूरी है और इसे संदर्भ से हटकर पेश किया जा रहा है, क्योंकि उससे पहले जो मैंने कहा था वो इसमें नहीं है.
कश्मीर एक अनसुलझी गुत्थी है और भारत के निर्मम क़ब्ज़े में है. संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के तहत इसका हल निकाला जाना चाहिए. मुझ समेत प्रत्येक पाकिस्तानी कश्मीर की आज़ादी के संघर्ष का समर्थन करता है. कश्मीर पाकिस्तान का है.”
My clip is incomplete & out of context as what I said before that is missing.Kashmir is unresolved dispute & under brutal Indian occupation. It must be resolved as per UN resolution. Myself along with every Pakistani support Kashmiri freedom struggle. Kashmir belongs to Pakistan.
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) November 14, 2018
इसके आगे उन्होंने कहा, “मेरे बयान को भारतीय मीडिया ग़लत रूप में पेश कर रहा है. मैं अपने देश से प्यार करता हूं और कश्मीरियों के संघर्ष का भी आदर करता हूं. इंसानियत की जीत होनी चाहिए और उन्हें उनके अधिकार मिलने चाहिए.
My comments are being misconstrued by Indian media! I'm passionate about my country and greatly value the struggles of Kashmiris. Humanity must prevail and they should get their rights.
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) November 14, 2018
प्रतिक्रियाएं:
लेकिन इससे पहले ही अफ़रीदी के लिए सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो चुकी थीं. सोहेल चीमा ने ट्विटर पर लिखा, “शाहिद अफ़रीदी भारत के विशाल बाज़ार में जगह पाने के लिए लालायित हैं.
वह स्वार्थी कारणों से भारतीयों को ख़ुश करना चाहते हैं. अपने पूरे क्रिकेट करियर में वह स्वार्थी खेल खेलते रहे, अब क्रिकेट करियर ख़त्म हो गया तो वह भारतीयों को ख़ुश करने के लिए देश की इज़्ज़त को दांव पर लगाकर गंदा खेल खेल रहे हैं. ”
https://twitter.com/sohailcheemamd/status/1062698713804611584
इस्लामाबाद के क़ाज़िर अली सैयद ने लिखा, “शाहिद अफ़रीदी, आपकी बातों में न ही कोई दर्शन है, न आत्मविश्वास है. बल्कि उसमें अतिआत्मविश्वास है जिससे पाकिस्तान का अपमान हुआ है और वह पूरे भारत के लिए हंसी का पात्र बना है.”
https://twitter.com/OzairAliSyed/status/1062796820823371776
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अफ़रीदी ने ऐसी कोई बात नहीं कही जिससे भारत ख़ुश हो सके.
उन्होंने लिखा, “मुझे समझ नहीं आया कि भारतीय मीडिया का कौन सा हिस्सा अफ़रीदी के बयान पर ख़ुश हो रहा है. उन्होंने पाकिस्तान के चार प्रांतों के बारे में जो कहा, उसे भूल जाइए.
जो बाइट मैंने देखी, वो साफ़ तौर पर कश्मीर की आज़ादी का समर्थन और मानवाधिकार उल्लंघनों की आलोचना कर रहे थे. यह भारत की जीत कैसे हुई?”
I don’t get what sections of the Indian media are celebrating WRT #ShahidAfridi’s statement. Forget what he said about Pakistan’s 4 provinces, the byte I saw clearly had him supporting freedom for Kashmir & criticising human rights violations so how is that a victory for India?
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 14, 2018
पाकिस्तान की फायक़ा ने लिखा, “मुझे अफ़रीदी के बयान में कुछ ग़लत नहीं लगा. हम सच में अपने चार प्रांतों को ठीक से नहीं संभाल पा रहे. बुरा शासन है, भ्रष्टाचार है, ग़रीबी है. कौन से जन्नत के बाग़ हमने सजाए हुए हैं उनके लिए? हां, कश्मीर को आज़ाद होने दो.”
https://twitter.com/Crankybelle/status/1062734924460056576
अब्दुल्ला ने लिखा, “भारतीय मीडिया को देखिए, वो शाहिद अफ़रीदी के बयान को किस तरह पेश कर रहे हैं. अगर आप पूरा इंटरव्यू देखें तो अफ़रीदी पाकिस्तान के ख़िलाफ़ और भारत के पक्ष में नहीं बोले.
उन्होंने कश्मीरियों का पक्ष लिया. उन्होंने भारत से कश्मीर छोड़ने को कहा. कश्मीरियों को जीने दो और उन्हें तय करने दो कि वे कहां जाना चाहते हैं.”
शाहिद अफ़रीदी इससे पहले भी कश्मीर मसले पर टिप्पणी कर चुके हैं. 2016 में भारत के मोहाली में मैच के बाद लाइव टीवी पर उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को कश्मीर से भी ख़ासा समर्थन मिलता है.
उस वक़्त इस बयान की भारतीय मीडिया के कुछ हिस्सों में आलोचना की गई थी. भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव और भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने भी इस पर आपत्ति जताई थी.