BY-THE FIRE TEAM
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐतिहासिक मतदान में, 50 से अधिक देशों ने समवेत स्वर में अंतरराष्ट्रीय मापन प्रणाली में परिवर्तन को अनुमति दे दी है।
The seven base units in the International System of Units, which defines all other measurements, are the meter, the second, the mole, the ampere, the Kelvin, the kilogram, and the candela.
“…these seven underpin everything in our universe”https://t.co/8d3kSJ7D78
— chris field, MHed, MLIS, MPPM (@chrisfield_pgh) November 18, 2018
शुक्रवार को हुये इस निर्णय से वजन मापने की इकाई किलोग्राम और मापन की दूसरी इकाईयों की नयी परिभाषाएं तय होने का मार्ग प्रशस्त हो गया। इससे विभिन्न देशों के मध्य व्यापार और अन्य मानवीय कार्यों पर प्रभाव पड़ेगा।
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वर्साय में एकत्र हुये ऐसे तमाम वैज्ञानिकों ने, जिन्होंने इसके लिए दशकों इंतजार किया था, नए फैसले पर तालियां बजाईं और खुशी जाहिर की,
यहां तक कि कुछ प्रतिनिधियों की आंखों में आंसू भी आ गये। इस कदम को मानवता के मापन और गुणन के विश्व में क्रांति के रूप में देखा जा रहा है।
शुक्रवार को ही विद्युत मापन की इकाई ऐम्पियर, ताप मापने की इकाई कैल्विन और पदार्थ की मात्रा माप मोल की नई परिभाषाओं को भी अनुमोदन मिल गया है।
वैश्विक रूप से स्वीकृत किलोग्राम की नई परिभाषा का बहुत बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था।
आपको बता दें कि बीते एक सदी से अधिक समय से फ्रांस में कड़ी सुरक्षा में रखे प्लेटिनम-इरीडियम मिश्र धातु के बने एक सिलेंडर के द्रव्यमान को किलोग्राम की परिभाषा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
इसे ‘‘ली ग्रांड के’’ के नाम से भी जाना जाता है। यह साल 1889 से विश्व का एकमात्र वास्तविक किलोग्राम माना जाता रहा है।
इस मतदान के बाद अब यह तय हो गया है कि किलोग्राम और अन्य मुख्य मानक इकाईयों को दोबारा परिभाषित किया जायेगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये 20 मई से प्रभावी होगा।