BY-THE FIRE TEAM
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने रिजर्व बैंक (आरबीआई) और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से एक बार फिर फंसे कर्ज के बारे में रघुराम राजन की चिट्ठी और जानबूझकर कर्ज अदा नहीं करने वालों के नाम का खुलासा करने को कहा है.
आयोग ने अपने 66 पृष्ठ के विस्तृत आदेश में रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा फंसे कर्ज के बारे में भेजी गयी चिट्ठी का खुलासा करने के निर्देश का पालन नहीं करने को लेकर पीएमओ की खिंचाई की है.
Severely admonishing the RBI and the PMO, the Central Information Commission has again directed them to disclose the list of wilful defaulters and Raghuram Rajan's letter on bad loans.
In an exhaustive 66-page order, the panel… https://t.co/yyPEMjuhQv
— thefirstmail (@TheFirstMail) November 18, 2018
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि मामले में यदि कोई आपत्ति जानकारी देने को लेकर मिली हुई छूट पर आधारित है तो पीएमओ को ऐसे प्रावधान के बारे में बताना चाहिये और इनकार करने के पीछे के तर्क को बताना चाहिये.
उन्होंनेअपनी बात को आगे बढ़ते हुए कहा कि पीएमओ ने राजन की चिट्ठी का खुलासा करने के निर्देश को जिन तर्को के आधार पर नहीं माना है वे वैध नहीं हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
आचार्युलु जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों के नाम का ब्यौरा मांगने वाले संदीप सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री कार्यालय का यह नैतिक, संवैधानिक और राजनीतिक दायित्व बनता है कि-
https://twitter.com/Petran108/status/1064225124696682498
वह देश के नागरिकों को जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों का नाम बताये और यह भी जानकारी दी जानी चाहिये कि देश के करदाताओं के धन से उन्हें जो कर्ज दिया गया उसकी वसूली के लिये बैंकों ने क्या कदम उठाये हैं.
सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना की कई श्रेणियों को रिजर्व बेंक ने बताने योग्य नहीं माना है. रिजर्व बैंक ने अपनी प्रकटीकरण नीति के तहत यह कहा है इसके लिये आरटीआई कानून के विशिष्ट प्रावधानों का उल्लेख भी किया है.