BY–सुशील भीमटा
CM ने किसानों से मुलाकात का किया वादा
सूखे के लिए मुआवजा और आदिवासियों को वन अधिकार सौंपे जाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र के हजारों किसान और आदिवासी सड़कों पर उतर आए हैं। इधर हजारों किसानों के सड़क पर उतरने से ट्रैफिक अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं दूसरी ओर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने किसानों से बात करने की बात कही है।
गुरुवार की सुबह पांच बजे किसानों ने चुन्नाभाटी से सुबह पांच बजे यात्रा शुरू की। वह यहां से विधानसभा कूच करेंगे और आजाद मैदान पहुंचेंगे। ऐसे में प्रशासन सतर्क हो गया है और भारी तादाद में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
मुंबई पुलिस ने ट्रैफिक अलर्ट भी जारी किया है। किसानों का मार्च सड़क पर चल रहा है और कई जगहों पर ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है।
साउथ मुंबई से शुरू हुई किसानों की यात्रा जेजे फ्लाइओवर, लालबाग फ्लाइओवर और परेल फ्लाइओवर होते हुए दादर की तरफ बढ़ रही है। ट्रैफिक पुलिस ने इन इलाकों की ओर जा रहे और वहां से आ रहे ट्रैफिक के लिए अलर्ट जारी किया है।
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार दोपहर से पैदल यात्रा शुरू की थी। पैदल यात्रा करते हुए वह सायन के सोमैया मैदान पहुंचे और रात में यहीं डेरा डाल दिया। कार्यक्रम के मुताबिक, किसान गुरुवार सुबह मुंबई की तरफ कूच करेंगे और आजाद मैदान पहुंचेंगे। किसानों की योजना विधानभवन का घेराव करने की भी है। उन्हें विधानभवन की तरफ जाने से रोकने के लिए पुलिस ने पुख्ता प्रबंध किए हैं।
ये हैं किसानों की मुख्य मांगें:
किसान स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की मांग कर रहे हैं। स्वामीनाथन रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि जमीन और पानी जैसे संसाधनों तक किसानों की निश्चित रूप से पहुंच और नियंत्रण होना चाहिए। वे न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और इसे लागू करने के वास्ते न्यायिक तंत्र की भी मांग कर रहे हैं।
किसान कृषि संकट से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और राज्य में बीजेपी की सरकार द्वारा पिछले साल घोषित कर्ज माफी पैकेज को उचित तरीके से लागू करने, किसानों के लिए भूमि अधिकार और खेतिहर मजदूरों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।