BY-THE FIRE TEAM
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव का एक बड़ा मुद्दा काला धन था, जिसका जिक्र तकरीबन हर चुनावी रैली में बीजेपी ने किया था,
किन्तु अब मौजूदा भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में काले धन से जुड़ी जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया है।
दरअसल प्रधानमंत्री कार्यालय से काला धन को लेकर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी, जिसका जवाब देने से प्रधानमंत्री कार्यालय ने इनकार कर दिया है।
इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि अगर हम इस जानकारी को मुहैया कराते हैं तो मामले की जांच बाधित होगी,
PM office refuses info on black money, says may harm investigationhttps://t.co/ILO6ctFqp9 pic.twitter.com/lwxQPwtnke
— Hindustan Times (@htTweets) November 25, 2018
इसके साथ ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी प्रभावित हो सकता है। गौर करने वाली बात है कि केंद्रीय सूचना आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय से 15 दिन के भीतर काला धन से जुड़ी जानकारी को साझा करने के लिए कहा था।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इसके विषय में महज इतना कहा गया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का पहले ही गठन किया जा चुका है, और यह जांच अभी जारी है ऐसे में कुछ भी खुलासा नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि व्हिसलब्लोवर ब्यूरोक्रैट संजीव चतुर्वेदी ने एक आरटीआई दाखिल करके पीएमओ से जवाब मांगा था कि विदेश से कितना काला धन अभी तक आया है?
770 अरब डॉलर कालाधन
अमेरिकी थिंकटैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी के एक अध्ययन के अनुसार 2005-2014 के बीच भारत में कुल 770 अरब डॉलर का काला धन आया था जिसमे से 165 अरब डॉलर काला धन विदेश भेज दिया गया है।
बहरहाल देखने वाली बात यह है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल के खत्म होने से पहले कालाधन को लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने आती है, या एक बार फिर से 2019 में यह महज एक चुनावी मुद्दा बनकर रह जाता है।
अब यह देखना है कि केंद्र सरकार जनता के साथ अपने किये वादों को कितना अमली जामा पहनाती है ?