BY- THE FIRE TEAM
1 दिसंबर को पंजाब न्यायिक सेवा परीक्षा के परिणामों की घोषणा हुई, जिसमें बलवीर सिंह और आशा रानी के बेटे अजय सिंह का चयन हो गया। ये सूचना जैसे ही परिवार को मिली, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आखिरकार उनकी मेहनत सफल हो ही गई, क्योंकि उन्होंने अपने बेटे को अफसर जो बना दिया, जिसका सपना वो रात-दिन देखा करते थे।
जिस परिवार में कोई भी 10वीं से ज्यादा नहीं पढ़ सका था, उसी परिवार का एक सदस्य आज न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर जज बन गया है।
तंदूर पर रोटियां सेंकते हैं ‘अफसर बेटे’ के माता-पिता:
दरअसल, अजय सिंह की मां आशा रानी और पिता बलवीर सिंह तंदूर चलाते हैं। अजय बताते हैं कि उनकी मां ने रोटियां सेंक-सेंककर उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनका कहना है कि वो खुद भी कभ-कभी मां के कामों में हाथ बंटाते थे।
9वीं के बाद पढ़ने तक के नहीं थे पैसे: अजय बताते हैं कि 9वीं पास करने के बाद हालत ऐसी हो गई थी कि आगे पढ़ने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए उन्होंने सीनियर एडवोकेट उदेश कक्कड़ के यहां क्लर्क की नौकरी की, ताकि वो अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। नौकरी करते हुए उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद अबोहर के खालसा कॉलेज से बी.ए. की डिग्री हासिल की।
दूसरे प्रयास में हासिल की सफलता: बी.ए. करने के बाद अजय ने पंजाब विश्वविद्यालय के बठिंडा सेंटर से लॉ किया और उसके बाद न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी में लग गए। यह उनका दूसरा प्रयास था, जिसमें सफलता हासिल की है। अजय का कहना है कि इंसान को हमेशा कोशिश जारी रखनी चाहिए, हिम्मत कभी नहीं छोड़नी चाहिए, एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती है।