BY-THE FIRE TEAM
बुलंदशहर में गोवंश को लेकर जिस तरह से हिंसा हुई थी उसमे इंस्पेक्टर और एक युवक की जान चली गई थी। उग्र भीड़ ने जमकर तोड़फोड़ की जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी।
घटना स्थल से 11 किलोमीटर दूर नयाबास गांव के 11 लोगों का नाम योगेश राज ने अपनी एफआईआर में दर्ज कराया है। लेकिन इन गिरफ्तारियों ने पुलिस पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
कई लोगों के खिलाफ एफआईआर :
बुधवार तक पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, जिनमे से जिन दो लोगों का नाम एफआईआर में भी दर्ज नहीं है।वहीं इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में पुलिस ने 27 लोगों के नाम मामला दर्ज किया है, जिसमे 50 अज्ञात लोग भी शामिल हैं।
अभी तक इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन अभी तक इस मामले में आरोपी नंबर एक योगेश राज को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
योगेश राज की एफआईआर के आधार पर जिस एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है उसका नाम सरफुद्दीन है और वह कपड़ा व्यापारी है।
पहला आरोपी :
सरफुद्दीन के परिवार ने दावा किया है कि जिस दिन कथित गोवंश का कंकाल मिला था उस दिन सरफुद्दीन घटनास्थल से 40 किलोमीटर दूर एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे।
वहां के कार्यक्रम में उनकी पार्किंग ड्यूटी लगी थी। सरफुद्दीन के भाई का कहना है कि मेरे पास उनका ड्यूटी बैज है और मैं यह साबित कर सकता हूं कि वह घटनास्थल वाले दिन वहां नहीं थे।
यही नहीं उन्होंने कहा कि जीपीएस लोकेशन द्वारा भी इस बात की पुष्टि हो सकती है।सरफुद्दीन का नाम एफआईआर में इसलिए आया है क्योकि योगेश राज और उनके बीच पहले भी विवाद हो चुका है।
सरफुद्दीन के भाई हुसैन ने कहा कि योगेश हिंदूवादी है और हम मुस्लिमवादी है, हम अपने अधिकार की इस लड़ाई को लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि मस्जिद से माइक्रोफोन हटने के बाद से यह पूरा विवाद शुरू हुआ है। मस्जिद का माइक्रोफोन हट जाने की वजह से हम अजान नहीं सुन पाते हैं और हमारी नमाज छूट जाती है।
सरफुद्दीन के अलावा सज्जाद अली को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है और उसका नाम एफआईआर में है।
दूसरा आरोपी :
सज्जाद इस गांव में नहीं रहता है और उसके चाचा शब्बीर यहां चाय बेचते हैं। सज्जाद 12 साल पहले फरीदाबाद चला गया था। शब्बीर ने बताया कि सज्जाद फरीदाबाद में कई सालों से सिगरेट बेच रहा है
और धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुलंदशहर आया था लेकिन वह गांव नहीं आया था। मुझसे मिलने वह आखिरी बार तीन महीने पहले आया था,
जब मेरी मां का देहांत हो गया था। आपको बता दें कि सरफुद्दीन और साजिद ने पुलिस के सामने खुद मंगलवार को आत्मसमर्पण किया था।
तीसरा आरोपी :
इसके अलावा पुलिस ने आसिफ को गिरफ्तार किया है जोकि घड़ी बनाता है। चौथा आरोपी बन्ने खान है जोकि दिहाड़ी का मजदूर है।
आसिफ भी सज्जाद की तरह औरंगाबाद में रहता है और वह चार साल पहले ही शादी के बाद मुंबई में रहने लगा था। परिवार ने बताया कि वह गांव में धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आया था।
जब वह घर में था तो पुलिस आई और उसे लेकर चली गई। ये लोग उसका नाम भी नहीं जानते थे। वहीं बन्ने खान बुलंदशहर से 50 किलोमीटर दूर रहते हैं। उन्हें मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
चौथा आरोपी :
7बन्ने के रिश्तेदार ने बताया कि जब वह घर में सो रहे थे तभी पुलिस आई और उन्हें ले गई। खान के 7 बच्चे हैं और वह घर में कमाने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं।
गांव वालों का कहना है कि यह सब राजनीति से प्रेरित है, यह भाजपा सरकार है, इसीलिए यह सब हो रहा है। आप इनके घर को देखिए ये कितने गरीब हैं।
बहरहाल देखने वाली बात यह है कि आने वाले समय मे क्या पुलिस उन लोगों के खिलाफ आरोपों को साबित कर पाती है जिन्हें उसने गिरफ्तार किया है।
जिस तरह के तथ्य सामने आए हैं वह पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।