BY-THE FIRE TEAM
एक संसदीय समिति ने देश में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति के लिए जिम्मेदार बलों में प्रमुख केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों के रोज 12 से 14 घंटे
ड्यूटी देने और अक्सर साप्ताहिक अवकाश तथा अन्य छुट्टियों के दिन भी काम करने पर चिंता व्यक्त की है।
गृह मंत्रालय से संबद्ध संसदीय स्थायी समिति की आज राज्यसभा में पेश रिपोर्ट में इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से जवानों को आराम देने तथा उनका ड्यूटी का बोझ हल्का करने के लिए कदम उठाने को कहा है।
समिति ने कहा है कि यह चिंता की बात है कि सीआरपीएफ कर्मियों को हर रोज 12 से 14 घंटे काम करना पड़ता है और 8० प्रतिशत से अधिक कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश और अन्य छुट्टियां भी नहीं मिलती।
समिति ने कहा है कि उसे पता है कि केन्द्रीय सुरक्षा बलों की नौकरी ऐसी है कि उन्हें दिन में 24 घंटे, सप्ताह में सात दिन और साल में 365 दिन चौकस रहना होता है,
लेकिन दिन में 12 से 14 घंटे बिना छुट्टी के काम करने वाले इन सुरक्षाकर्मियों को मनोवैज्ञानिक और शारीरिक परिणाम झेलने पड़े रहे हैं, जिससे उनका काम भी प्रभावित हो रहा है।
समिति ने कहा है कि भारतीय श्रम कानून में सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे की ड्यूटी का प्रावधान है। यह सही है कि सशस्त्र बलों को इससे बाहर रखा गया है,
लेकिन यह भी सही बात है कि इससे अधिक काम कराना स्वास्थ्यप्रद नहीं है और यह लंबे समय तक नहीं चल सकता। समिति ने गृह मंत्रालय से कहा है कि-
इन कर्मियों को जरूरी आराम देने के लिए इनका अधिकतम ड्यूटी समय निर्धारित करने के लिए कोई व्यवस्था बनायी जानी चाहिए।
समिति ने संघर्ष और टकराव के क्षेत्रों में कर्मियों की लंबे समय तक तैनाती पर भी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इससे जवान अवसाद, मानसिक और भावनात्मक तनाव का शिकार हो रहे हैं।
समिति ने सरकार से कहा है कि वह सुरक्षाकर्मियों के जीवन में खुशी लाने और उन्हें प्रसन्नचित्त रखने के लिए सप्ताह में एक बार उनकी अपने परिजनों से बात करने के लिए वीडियो कांफ्रेन्सिग की व्यवस्था करे।
इसके साथ ही उनके कैंपों में डीटीएच कनेक्शन तथा इंडोर और आउटडोर खेलों की भी सुविधा की जानी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि जवानों की काउंसलिंग वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाती है
और ज्यादातर मामलों में वे वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी समस्या नहीं बता पाते इसलिए उनकी काउंसलिंग के लिए पेशेवर परामर्शदाता और मनोचिकित्सक भेजे जाने चाहिए।
समिति ने इस बात पर भी हैरानी व्यक्त की है कि बल में उप महानिरीक्षक के 19 में से 17 पद खाली पड़े हैं। उसने कहा है कि यह बल के कामकाज में गंभीर कमी को बताता है।
समिति ने कहा है कि सरकार को गुणावत्तापूर्ण खाद्य सामग्री की नियमित आपूर्ति के लिए व्यवस्था करनी चाहिए।