BY-THE FIRE TEAM
तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में विपक्ष ने देश के किसानों की खराब हालत के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। इसके साथ-साथ कांग्रेस पार्टी ने किसानों का पूरा ध्यान रखने और कर्जमाफी का वादा किया है।
खासकर मध्य प्रदेश, छ्त्तीसगढ़ में, लेकिन केंद्र ने लोकसभा में बताया कि फिलहाल सरकार कृषि ऋण छूट योजना पर विचार नहीं कर रही है क्योंकि इससे क्रेडिट कल्चर प्रभावित होगा और डिफॉल्टर्स को बढ़ावा मिलेगा।
बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रुपाला ने शिवसेना के सांसद भावना गवली को लिखित में उतर देते हुए कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार किसानों के लिए किसी भी कृषि ऋण छूट योजना पर विचार नहीं कर रही है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सत्ता में आने के 10 दिनों के भीतर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में
किसानों के ऋण माफी की बात कही है, संयोग से दोनों जगह कांग्रेस ने बहुमत भी हासिल कर लिया है।
किसान देश पर भार नहीं हैं।
किसान देश का सार हैं|देश का किसान संकट में है|
उनकी उम्मीद टूट रही है।
उनके दिल में दर्द है।हम किसान को अकेला नहीं छोड़ सकते।
चाहे कानून बदलना पड़े, सरकार बदलनी पड़े या प्रधानमंत्री बदलना पड़े, हम किसान का साथ देंगे। किसान के साथ न्याय होगा। pic.twitter.com/uiZ9lyCgET
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 30, 2018
किसान कर्ज माफी को लेकर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने इससे होने वाली परेशानियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि ऐसे छूटकर्ता राज्य की क्रेडिट संस्कृति को प्रभावित कर सकते हैं भले ही वो कर्ज चुकाने की स्थिति में हो।
हालांकि लोकसभा में रुपाला ने यह स्वीकार किया है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार किसानों के बीच आत्महत्या के पीछे सबसे बड़ी वजह खेती से जुड़ा कर्ज है।