BY-THE FIRE TEAM
बिते हफ्ते कर्नाटक के मंदिर में घटी घटना का खुलासा हो गया है मंदिर के ट्रस्ट के अध्यक्ष जिसने प्रसाद में आधा लीटर कीटनाशक मिला दिया था.
प्रसाद खाने के बाद मैसूर के विभिन्न अस्पतालों में 90 से अधिक मरीज़ भर्ती हैं जिसमें से 20 गंभीर हालत में हैं 15 लोगों की मौत हो चुकी है.
इस सम्बन्ध में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है क्योंकि उसने मंदिर के ट्रस्ट अध्यक्ष को गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि-
कथित तौर पर सल्लूर मठ के 52 वर्षीय पत्तडा इम्मादी महादेवस्वामी ने एक महिला और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर इसकी साजिश रची.
महिला का नाम अंबिका बताया गया है, महिला का पति मदेश और एक अन्य व्यक्ति जिसका नाम डोडैया है, वे भी इसमें लिप्त बताए गए हैं.
उनका मक़सद मंदिर प्रशासन को बदनाम करना था ताकि मंदिर का ट्रस्ट उनके हाथों में आ सके.
2017 तक हनूर तालुका के सुलावडी गांव के श्री किचुकुट्टी मराम्मा मंदिर का नियंत्रण पूरी तरह महादेवस्वामी के हाथों में था जबकि वह माले महादेश्वरा घाटी के सल्लूर मठ के कनिष्ठ पुजारी हैं.
चामराजनगर के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार मीणा ने कहा, “यह एक सेवा संघ द्वारा चलाया जाता था और पूरे पैसों का आदान-प्रदान स्वामीजी अपने निजी अकाउंट से करते थे.
वह बहुत शक्तिशाली थे. ट्रस्ट के बनने के बाद स्वामीजी की ताक़त घट गई जिस वजह से ट्रस्ट में प्रतिद्वंद्विता बढ़ गई.”
स्थानीय लोगों के काफ़ी ज़ोर देने के बाद ट्रस्ट का गठन किया गया था क्योंकि वह चाहते थे कि मंदिर का विस्तार हो. मंदिर में काफ़ी संख्या में कर्नाटक और तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों के श्रद्धालु आते थे.
इनके कारण मंदिर में चढ़ावे के रूप में काफ़ी पैसा भी आता था. हाल ही में विवाद की ताज़ा वजह एक मंदिर के टावर का निर्माण था.
पुलिस अधीक्षक मीणा ने कहा, “स्वामीजी चाहते थे गोपुरम (मंदिर का टावर) डेढ़ करोड़ रुपये की लागत में तमिलनाडु के आर्किटेक्ट उसे बनाएं लेकिन दूसरे सदस्य चाहते थे कि
इस पर केवल 50 से 55 लाख रुपये ख़र्च किए जाने चाहिए. ट्रस्ट के सदस्यों को महसूस हुआ कि स्वामीजी उनके रास्ते में बाधाएं खड़ी कर रहे हैं.”
ट्रस्ट के सदस्यों ने एकतरफ़ा फ़ैसला लेते हुए 14 दिसंबर को इसकी आधारशिला रख दी और ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामीजी को केवल सूचित कर दिया.
स्वामीजी ने तुरंत अंबिका, मदेश और डोडैया के साथ साज़िश करके खाने में ज़हर मिला दिया ताकि ट्रस्ट के सदस्यों को दोषी ठहराते हुए गिरफ़्तार कर लिया जाए. स्वामीजी की योजना मदेश को ट्रस्टी बनाने की थी.
घटना के सम्बन्ध में मैसूर रेंज के आईजीपी एचएस शरत चंद्र ने कहा, “हत्या, हत्या की कोशिश, ग़ैर इरादतन हत्या और आपराधिक साज़िश की विभिन्न धाराओं के तहत सभी अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.”